Farmers Protest: किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कंटीले तार, बैरिकेड्स और सीमेंट के ब्लॉक लगाकर किसानों को रोकने की कोशिश की जा रही है.
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Farmers Protest: किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन है. आज एक बार फिर किसान दिल्ली कूच का प्रयास करेंगे, जिसे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रहा है. सिंधु बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है, वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बॉर्डर को पूरी तरीके से सील कर दिया गया है, केवल एक आदमी के आने के लिए जगह बचाई गई है. वहीं किसानों के प्रदर्शन की वजह से मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है.
छावनी में तब्दील हुआ सिंधु बॉर्डर
किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए सिंधु बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. अब तक बॉर्डर पर कंटीले तारों के 400 बंडल लगाए जा चुके हैं तो वहीं तार के 50 बंडल और लगाीए जा रहे हैं. वहीं सुबह के समय फ्लाईओवर के ऊपर कंक्रीट स्लैब को सीमेंट और गिट्टी डालकर पक्का किया गया, जिससे कि सिंधू बॉर्डर पर शंभू बॉर्डर जैसी स्थिति न बने. दरअसल, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर से सीमेंट के स्लैब को खींच लिया था, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया.
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टिकरी बॉर्डर पर भी बढ़ी सुरक्षा
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बॉर्डर को पूरी तरीके से सील कर दिया गया है. गाड़ियों की आवाजाही रोकने के लिए दोनों ओर से सड़क को सीमेंट के बेरिकेट कर बंद कर दिया गया है. सिर्फ एक आदमी की आवाजाही के लिए जगह छोड़ी गई है. दिल्ली पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है, जिसमें सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान शामिल हैं. साथ ही यहां पर दंगा नियंत्रण वाहन की भी विशेष तैनाती की गई है. हालात से निपटने के लिए अब अस्थाई बंकर भी बना दिए गए हैं. यानी कि दिल्ली से बहादुरगढ़, झज्जर-रोहतक जाने वाली सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इमरजेंसी वाहनों के लिए भी कोई रास्ता नहीं रखा गया है.
मजदूरों की बढ़ी परेशानी
टिकरी बॉर्डर पर रास्ता बंद किए जाने का सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ा है. जो मजदूर दिल्ली के टिकरी, नांगलोई इलाके से फैक्टरी में काम करने के लिए बहादुर गढ़ जाते हैं उन्हें उसे आज 5 से 6 किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ रहा है. किसानों के प्रदर्शन से मजदूरों की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ गई है.