Farmers Protest: किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का हालचाल लेने पहुंचीं विनेश फोगाट, 10 माह से खनौरी बॉर्डर पर करे रहे अनशन
Farmers Protest: विनेश फोगाट ने कहा कि सरकार केवल किसानों की बात करती है, लेकिन उसमें इम्प्लीमेंट नहीं करती. हमारे बुजुर्ग डल्लेवाल भूख हड़ताल पर बैठे हैं. भूखे पेट उनको केंसर हो रखा हैं उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया, फिर भी आज वो हमारे भविष्य के लिए लड़ रहे हैं, बहुत संघर्ष कर रहे हैं.
Farmers Protest: एमएसपी की मांग को लेकर पंजाब के किसान पिछले 10 माह से खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का 20वें दिन भी आमरण अनशन जारी है. उनकी तबियत निरंतर बिगड़ती जा रही है. बोर्डर पर राजनीति गर्माने लगी है. पहलवान बजरंग पुनिया के बाद आज जुलाना से कांग्रेस की विधायक विनेश फोगाट भी अपने पति के साथ डल्लेवाल का हालचाल जानने पहुंची. फोगाट ने कहा कैंसर के बाद भी डल्लेवाल किसानों के हको की लड़ाई लड़ रहे हैं.
विनेश फोगाट ने कहा कि इससे बड़ा दुख नहीं हैं. उन्होंने कहा कि डल्लेवालजी जैसे संघर्षशील हमारे बड़े भी हैं और नेता भी हैं. उनकी जरूरत भी हैं ऐसे हालात में सरकार ने बैठा रखे हैं.
विनेश फोगाट ने कहा कि सरकार केवल किसानों की बात करती है, लेकिन उसमें इम्प्लीमेंट नहीं करती. हमारे बुजुर्ग डल्लेवाल भूख हड़ताल पर बैठे हैं. भूखे पेट उनको केंसर हो रखा हैं, उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया, फिर भी आज वो हमारे भविष्य के लिए लड़ रहे हैं, बहुत संघर्ष कर रहे हैं.
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किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी हाल ही में खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे. उन्होंने सरकार की हठधर्मिता पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान करना चाहिए. चढूनी ने स्पष्ट किया कि किसान अपनी वाजिब मांगें कर रहे हैं और किसी का अधिकार नहीं छीन रहे. चढूनी ने सरकार पर राजनीति खेलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के बीच गलतफहमियां फैलाकर फुट डालने का प्रयास कर रही है. उनका मानना है कि जब जरूरत पड़े, तो पूरे देश का किसान एकजुट हो जाता है.
इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं. उनकी स्वास्थ्य स्थिति में लगातार गिरावट आ रही है. डॉक्टरों की टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सिफारिश की है, लेकिन डल्लेवाल अपने संकल्प पर अडिग हैं. इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसान एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए खड़े हैं, जो उनके अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
Input: गुलशन चावला