Firecrackers Pollution: दिल्ली-एनसीआर इलाके में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वहीं दिवाली पर प्रदूषण और भी ज्यादा बढ़ जाएगा. हालांकि प्रदूषण बढ़ने के और भी कई कारण हैं, लेकिन इसमें पटाखों का अहम रोल है. वहीं दिल्ली में पटाखों पर बैन होने के बावजूद लोग पटाखे फोड़ते हैं. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार सस्ते पटाखों से जहरीली गैसें निकलती हैं.


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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिवाली के पहले और बाद में प्रदूषण के लेवल में बड़ा अंतर देखने को मिलता है. बता दें कि पिछले साल दिवाली पर AQI लेवल 462 पर पहुंच गया था, जो एक दिन पहले 382 था. बता दें कि एक पटाखा लगभग 2 से 3 हजार सिगरेट जितना हानिकारक है. 


DIU के अनुसार एक सांप की गोली जलाने से 64,500 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 2932 सिगरेट जलाने के बराबर है. इसका मतलब सिगरेट से निकले PM2.5 के प्रदूषणकारी तत्व एक सांप की गोली जलाने पर निकल जाते हैं.


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बता दें कि एक हजार बम की लड़ी जलाने पर 8,540 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 1752 सिगरेट जलाने के बराबर है. वहीं हंटर बम जलाने से 28,950 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 1316 सिगरेट जलाने के बराबर है.


एक फुलझड़ी जलाने पर 10,390 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 472 सिगरेट जलाने के बराबर है. वहीं एक चकरी जलाने पर 9,490 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 431 सिगरेट जलाने के बराबर है. एक अनार जलाने पर 4,860 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर पार्टिकल्स निकलते हैं, जो कि 221 सिगरेट जलाने के बराबर है.