Ghaziabad Pollution: लोनी में 491 पहुंचा AQI, विजिबिलिटी बेहद कम, सांस लेने में हो रहीं परेशानियां
Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को आंखों में चुभन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है. इसके साथ ही सांस के मरीजों के लिए भी दिक्कत बढ़ती हुई नजर आ रही है.
Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में हवा की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. गाजियाबाद में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. दिन ब दिन बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सांस की बीमारी से संबंधित मरीजों को भी परेशानियां झेलनी पर रही हैं.
लोगों को हो रहीं परेशानियां
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को आंखों में चुभन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है. इसके साथ ही सांस के मरीजों के लिए भी दिक्कत बढ़ती हुई नजर आ रही है. उन्हें सांस लेने में ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल संबंधित मरीज, बच्चे और बुजुर्गों को भी सांस संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
धुंआ से बढ़ रहीं परेशानियां
बढ़ते प्रदूषण के कारण अब लोगों को भी परेशानियां बढ़ने लगी हैं. इस वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानियों हो रही हैं. लोगों को बाहर निकलने सांस लेने में समस्या और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही विजिबिलिटी कम होने के कारण बहुत कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है. विजिबिलिटी इतनी कम हो गई है कि काफी पास की चीजें देखने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर लोगों को लाइट जलाकर अपने वाहन चलाने पड़ रहे हैं. ऐसे में बच्चे बुजुर्ग और विशेष रूप से, जिन्हें पहले से अस्थमा या ब्रोंकाइटिस की शिकायत है. उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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लोग पड़ रहे बीमार
गाजियाबाद में प्रदूषण के स्तर की बात करें तो चारों स्टेशन पर प्रदूषण का स्तर 400 के करीब और लोनी स्टेशन की बात करें तो वहां पर 491 नजर आ रहा है. ऐसे में इस हवा में सांस लेने पर बुजुर्ग बच्चों के साथ-साथ सेहतमंद लोग भी बीमार पड़ सकते हैं. प्रशासन की तरफ से GRAP की रिस्ट्रिक्शन लागू कर दी गई हैं, जिसमें किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ में मैन्युअल स्वॅपिंग पर भी रोक लगा दी गई है, जिससे धूल के कारण हवा में न उड़ सके.
INPUT- PIYUSH GAUR