Ghaziabad News: गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत और महामंडलेश्वर यति नरसिंहा नंद गिरी की सुरक्षा बढ़ाए जाने को लेकर उनके शिष्य आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. गाजियाबाद कलेट्रेट परिसर के बाहर यति नरसिंहा नंद के शिष्यों और उनके साथी संन्यासियों का समूह आज आमरण अनशन पर बैठ गया है. महंत यति नरसिंहा नंद गिरी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा की मांग आमरण अनशन पर बैठे साधुओं द्वारा की जा रही है. 


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अनशन कर रहे यति नरसिंहा नंद के शिष्यों का कहना है कि कई मुस्लिम देशों के कट्टरपंथियों से उनके गुरु यति नरसिंहा नंद गिरी की जान को खतरा है. ऐसे में उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा केंद्र सरकार को मुहैया कराई जानी चाहिए. हालांकि पहले यह साधु संत गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के राजनगर इलाके स्थित आवास के बाहर आमरण अनशन पर बैठना चाहते थे, लेकिन आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने इन्हे वहां आमरण अनशन पर बैठने से मना कर दिया. जिसके बाद संन्यासियों का यह समूह गाजियाबाद कलेट्रेट परिसर के बाहर धरने पर बैठ गया है.


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यति नरसिंहा नंद के शिष्यों का कहना है कि मुस्लिम देशों में रहने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनके गुरु यति नरसिंहा नंद गिरी के सिर को काटने वाले को 1500 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा कर रखी है. ऐसे में उनके गुरु यति नरसिंहां नंद गिरि की जान को खतरा है. पहले भी कई बार कई आतंकवादी संगठन से जुड़े लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. जो पुलिस को बता चुके हैं कि वह यति नरसिंहा नंद गिरी की हत्या करना चाहते हैं, लेकिन बड़े खतरे के बावजूद उनके गुरु यति नरसिंहा नंद की सुरक्षा में उनके साथ चलने वाले महज तीन पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. ऐसे में उनकी जान को बड़ा खतरा है और उनकी मांग है कि उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जानी चाहिए.


वहीं इस पूरे मामले में यति नरसिंहा नंद गिरी का कहना है कि पहले उनके शिष्य उनकी सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली आवास पर धरने और आमरण अनशन पर बैठना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनके शिष्यों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं दिया. जिसके बाद उनके शिष्य उन्हे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर गाजियाबाद सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल बीके सिंह के आवास पर धरना देना चाहते थे, लेकिन पहले राम मंदिर और फिर तम दिवस 26 जनवरी को देखते हुए पुलिस ने उन्हें अपने आमरण अनशन को स्थगित करने के लिए बातचीत की. इसके बाद उनके शिष्य आज गाजियाबाद के संसद के आवास के बाहर आमरण अनशन में बैठना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया. 


जिसके बाद अब उनके शिष्य गाजियाबाद कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर आमरण पर बैठे हैं. वहीं पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के लिए उन्होंने कहा कि उन्हें राजनेताओं के दिशा निर्देश पर काम नहीं करना चाहिए.