Ghaziabad News: गाजियाबाद नगर निगम के द्वारा स्ट्रीट डॉग्स के स्टरलाइजेशन का काम किया जा रहा है, इससे बर्थ कंट्रोल के साथ ही स्ट्रीट डॉग्स के एग्रेशन को भी कम किया जा सकता है.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद में नगर निगम डॉग बाइट की बढ़ती घटनाओं को लेकर अलर्ट मोड पर है, इसे लेकर गाजियाबाद नगर निगम द्वारा अपने एबीसी सेंटर यानी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में लगातार स्ट्रीट डॉग्स के स्टरलाइजेशन का काम किया जा रहा है. नगर निगम में अब तक 2742 स्ट्रीट डॉग्स का स्टरलाइजेशन प्रोसेस किया है, जिससे इनकी बर्थ कंट्रोल की जा सके.
गाजियाबाद नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी के अनुसार स्टरलाइजेशन प्रोसेस से बर्थ कंट्रोल के साथ ही स्ट्रीट डॉग्स के व्यवहार में भी परिवर्तन आता है. हार्मोन सिक्रेशन कम या बंद होने के कारण डॉग्स का एग्रेशन कम हो जाता है और डॉग बाइट की घटनाओं में कमी आती है. इसके साथ ही जो स्ट्रीट डॉग एक से अधिक बार लोगों को अपना शकार बना रहे हैं, उन्हें कुछ दिनों तक नगर निगम अपने सेंटर में ही रखता है. एक बार व्यवहार में परिवर्तन आने के बाद ही उनको उस इलाके दोबारा में छोड़ा जाता है.
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गाजियाबाद नगर निगम ने अपने अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में डॉग्स की तीन खतरनाक बीट पिटबुल , रोड व्हीलर और अर्जेंटीना डॉग पर बैन भी लगाया था. जनवरी माह के बाद इन डॉग्स के लिए कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किए गए हैं. 31 जनवरी को लाइसेंस जारी करने की अंतिम तिथि थी.
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार स्ट्रीट डॉग्स को रीलोकेट नहीं किया जा सकता है, इसलिए नगर निगम की टीम स्टरलाइजेशन के बाद स्ट्रीट डॉग्स को उसी एरिया में वापस छोड़ देती है. निगम की मुहिम का ही असर है कि अब तक 46 सौ से अधिक लोगों ने अपने पालतू जानवरों के लिए लाइसेंस का आवेदन किया है और निगम के द्वारा इसे जारी भी कर दिया गया है.
पिछले कुछ दिनों में Delhi-NCR में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़े हैं. स्ट्रीट डॉग सड़क पर खेलने वाले बच्चे, मॉर्निग वॉक करने वाले लोगों सहित सभी को अपना निशाना बना रहे हैं, जिसके बाद गाजियाबाद नगर निगम द्वारा स्टरलाइजेशन प्रोसेस की शुरुआत की गई है. इससे स्ट्रीट डॉग की संख्या कम होगी साथ ही उनके व्यवहार में भी बदलाव लाया जा सकेगा.
Input- Piyush Gaur