नई दिल्लीः भारत में जल्द ही गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां न्यूज पब्लिशर्स को उनके ओरिजनल कंटेंट के लिए भुगतान करना शुरू कर देंगी. सरकार इस पर कानून लाने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही सरकार ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि कंटेंट बिजनेस वाली टेक कंपनियों जैसे- गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, ट्विटर और अमेजन को भी भारतीय अखबारों, मीडिया हाउस के डिजिटल कंटेंट और अलग-अलग वेबसाइट के ओरिजनल कंटेंट का इस्तेमाल करने पर अपनी कमाई का हिस्सा देना पड़ेगा. 


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इन देशों में है पहले से कानून 
ऑस्ट्रेलिया ओरिजनल कंटेंट के लिए भुगतान का कानून लाने वाला पहला देश है. इसने बड़ी कंटेंट बिजनेस वाली कंपनियों को ओरिजनल कंटेंट के लिए भुगतान करने नया मीडिया कानून पारित किया है. इसके पहले ऑस्ट्रेलिया में इस विषय पर काफी विवाद भी हुआ था. बात यहां तक पहुंच गई थी कि फेसबुक ने यहां समाचार कंटेंट को ब्लॉक कर दिया था, जिसके बाद पीएम ने फेसबुक को इसे लेकर चेतावनी भी दी थी और इन सब विवादों के बाद ऑस्ट्रेलिया कंटेंट के लिए भुगतान पर कानून बनाने वाला पहला देश बन गया. इसके बाद कनाडा, फ्रांस और स्पेन में भी इसे लेकर कानून बनाया जा चुका है. 


भारत में क्यों है जरूरी
भारत सरकार के आईटी और इलेक्ट्रोनिक्स मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार इस पर विचार कर रही है. अभी देश में अलग-अलग न्यूज वेबसाइट्स के कंटेंट का फायदा केवल बड़ी  कंपनियां उठा रही हैं. ओरिजनल कंटेंट क्रिएटर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है , जिसके लिए ऐसा कानून लाना जरूरी है. 


मीडिया हाउस को मिलेगा फायदा
देश में अगर ऐसा कानून आता है, तो उसका फायदा मीडिया हाउस और ओरिजनल कंटेंट राइटर्स को मिलेगा. उनकी इनकम बढ़ेगी, जिसका फायदा अभी तक केवल टेक कंपनियों को मिल रहा था. 


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