Greater Noida News: जेवर के थोरा गांव में 14 गांवों की महापंचायत हुई. किसान सभा की जिला कमेटी के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा, सचिव अशोक भाटी, उपाध्यक्ष गबरी, मुखिया सचिन जोगिंदर, प्रधान सचिव नितिन चौहान, सतपाल खारी, भीम सिंह खारी, भोजराज रावल, जिला सचिव निशांत रावल एवं अन्य पूरी टीम अपना समर्थन करने पहुंची. महापंचायत नए कानून के सभी लाभों को पूरी तरह लागू करने की मांग के लिए आयोजित की गई. किसान सभा की जेवर कमेटी के लखपत सिंह प्रवीण ने किसान सभा की जिला कमेटी के लोगों को महापंचायत में आमंत्रित किया था. महापंचायत में सैकड़ो की संख्या में महिला-पुरुष किसान उपस्थित रहे.


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महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि किसान सभा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में 27 दिन जेल में रहकर आए हैं. किसान सभा नए कानून को लागू करने की मांग को लेकर गंभीरता के साथ लड़ाई लड़ रही है. किसान सभा के एवं किसान संघर्ष मोर्चा के नेताओं की 6 जनवरी को मुख्यमंत्री के साथ बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 25% विकसित प्लाट देने की लैंड पुलिंग नीति एवं सर्किल रेट को रिवाइज करने के बारे में जल्दी ही सकारात्मक फैसला लेने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि आप अपने आंदोलन को अपनी कमेटी के हाथ में रखें, अन्य किसी संगठन अथवा पार्टी को अपने आंदोलन का नेतृत्व ना दें. किसान सभा आपके आंदोलन में समर्थन के खड़ी रहेगी. आंदोलन के फैसले आपकी कमेटी करेगी.


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वहीं, महापंचायत को संबोधित करते हुए गबरी मुखिया ने कहा की जितनी अधिक जमीन हम विकसित कर प्राप्त कर लेंगे, वहीं हमारे खाने कमाने का साधन बनेंगी. अभी हाल ही में हुए किसान आंदोलन की गूंज पूरे देश में गई है. मुख्यमंत्री ने आंदोलन के दबाव में किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत की है. प्रतिनिधियों ने आंदोलन का नाजायज फायदा उठाते हुए, जेवर के किसानों के लिए मुआवजे की मामूली वृद्धि कराकर न केवल किसानों के साथ धोखा किया गया है, बल्कि फर्जी तरीके से उसका श्रेय लेने की कोशिश की है. मगर किसान समझ चुके हैं, उनके पुराने अनुभव बड़े खट्टे रहे हैं. इसलिए जेवर के किसानों ने तथाकथित मुआवजा वृद्धि को अपने साथ धोखा बताते हुए जानकारी दिया है, हम आपकी इस जागरूकता को सलाम करते हैं.


महापंचायत को किसानसभा के जिला सचिव अशोक भाटी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें सावधान रहने की जरूरत है. आपको कानून के प्रावधानों के अनुसार हवाई अड्डे के अगल-बगल, जहां एक लाख रुपये से कम के भाव नहीं है. वहां पर सर्किल रेट रिवाइज करवारकर बाजार भाव पर मुआवजे की दर तय करवानी चाहिए. 


किसान सभा के जिला सचिव जोगेंद्र प्रधान ने कहा नगद पैसा अधिक दिन नहीं रुकता, हमें अधिक से अधिक विकास की प्रक्रिया में सहभागी होते हुए लैंड पुलिंग के तहत 25% विकसित प्लाट की मांग करनी चाहिए. इसमें सरकार को भी फायदा है और किसानों को भी फायदा है. शेष जमीन जो सरकार के हिस्से में आएगी उसका मुआवजा सर्किल रेट रिवाइज होकर गांव में चार गुना तय होना चाहिए. रोजगार के एवज में दी जाने वाली एकमुश्त धनराशि पिछले 10 वर्षों से नहीं बढ़ाई गई है. उसे कम से कम 11 लाख रुपये घोषित किया जाए. किसान सभा किसानों की लड़ाई लड़ने वाला एक ईमानदार संगठन है. किसान सभा के लोग हर बलिदान देने को तैयार हैं. किसान सभा नए कानून को लागू कराके ही दम लेगी जेवर के लोगों को फैसला करना है कि उन्हें आगे किस रूप में बढ़ना है. हमें नहीं लगता कि अगर सही तरीके से बात रखी जाएगी तो सरकार किसानों की बात को न नहीं करेगी. नए कानून को लागू करना लैंड पुलिंग के तहत सरकार और किसान दोनों के हित में है. 


INPUT: BHUPESH PRATAP