HARYANA EDUCATION: हरियाणा प्रदेश के चार हजार के लगभग आंगनबाड़ी केंद्र अब प्राईवेट प्ले-वे स्कूलों की तर्ज पर विकसित किए गए है. अब खेल-खेल में शिक्षा के माध्यम से नई शिक्षा नीति के तहत पांच वर्ष तक के बच्चे सरकारी आंगनबाड़ी जो कि प्ले स्कूल के रूप में विकसित, उनमें शिक्षित होने के बाद सीधे पहली कक्षा में दाखिला ले सकेंगे. नर्सरी व प्री-नर्सरी का कार्य अब आंगनबाड़ी केंद्रों से प्ले स्कूल बने केंद्रों में पूरा कर लिया गया.


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इसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश के सभी 22 जिलों में सीडीपीओ, सुपरवाइजर व आंगनबाड़ी वर्कर को प्रशिक्षण भी दिया है. रोहतक जिले में 100 प्ले स्कूल खोले गए है. प्रदेश सरकार की तरफ से अब गरीबों के बच्चों को भी अब प्राइवेट प्ले स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया गया है ताकि कोई भी बच्चा पैसो के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे. यहां बच्चों को मुफ्त में शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त में खाना और वातानुकूलित माहौल और तमाम सुविधाएं दी जा रही है. यहां तक कि आंगनबाड़ी वर्कर को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.


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वहीं, आंगनवाड़ी व प्ले स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि गरीबी के चलते निजी  स्कूलों में हम पढ़ने में  सक्षम नहीं थे तो हमने बच्चों को प्ले स्कूल में डाल दिया यहां निजी स्कूलों की तरह ही पढ़ाई करवाई जाती है और पूरा ध्यान दिया जाता है. सरकार की ये योजना हम गरीबों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.


(इनपुटः राज ताकिया)