Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 10 में सिविल अस्पताल में पिछले 21 घंटे से बिजली गुल थी. जिस वजह से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. बता दें कि अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में मरीजों की जांच करते नजर आए. 


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दरअसल, गुरुग्राम के सेक्टर 10 सिविल हॉस्पिटल में इमरजेंसी और गायनी वॉर्ड को छोड़कर बाकी पूरे अस्पताल में कई घंटे अंधेरे छाया रहा. रविवार शाम से अस्पताल में बिजली न होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गईं. इस कारण मरीजों को राहत की सांस लेने के लिए वार्ड से निकलना पड़ा.


अस्पताल की एसएमओ डॉ. अलका सिंह की मानें तो सिविल अस्पताल के अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक केबल में बार-बार फॉल्ट होने से समस्या आई. जनरेटर की वजह से अस्पताल के इमरजेंसी और गायनी वॉर्ड में बिजली की सप्लाई की गई. साथ ही बच्चों का इलाज काउंटर रूम से बाहर किया गया. अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हुए मरीजों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से बिजली की समस्या चल रही है, लेकिन कल शाम से बिजली गुल होने से रात बितानी मुश्किल हो गई. 


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ज़ी मीडिया की टीम ने इस खबर को प्राथमिकता के साथ दिखाया तो हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने इस मामले को संज्ञान में लिया. जिसके बाद सेक्टर 10 के सिविल अस्पताल में लाइट आई और पंखे चलने के बाद मरीजों को तपती गर्मी में हवा मिली. अस्पताल में बिजली आने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली. बता दें कि जैसे ही सर्जिकल वॉर्ड में ट्यूबलाइट की रोशनी हुई और गर्मी में बैठे मरीजों को जैसे ही पंखों की हवा पहुंची तो मरीजों और उनके परिजनों ने ज़ी मीडिया का धन्यवाद भी किया. लोगों ने कहा कि अगर आज ज़ी मीडिया इस मुद्दों को प्रमुखता से नहीं दिखाता तो शायद बिजली आने में और भी देरी हो जाती. 


ज़ी मीडिया की टीम ने पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अस्पताल में हो रही परेशानियों से रूबरू कराया साथ ही बिजली विभाग में भी इस बारे में जानकारी दी गई. जिसके बाद प्रशासन एक्टिव हुआ. बिजली मंत्री तक जब मामला पहुंचा तो बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने ज़ी मीडिया को आश्वासन दिया कि अब उनके संज्ञान में मामला आया है. इसके बाद सेक्टर 10 सिविल अस्पताल में बिजली का प्रबंध किया जाएगा, लेकिन एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि इस तरह की इमरजेंसी सेवाओं में अगर किसी तरह का फॉल्ट आ जाए तो क्या कोई विकल्प तैयार नहीं किया जाता. अगर अस्पताल में बिजली सप्लाई का कोई और विकल्प होता तो मरीजों को इस तरह परेशान न होना पड़ता.



Input: योगेश कुमार