Bhiwani H3N2 Virus: H3N2 वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, भिवानी में किए गए ये खास इंतजाम
H3N2 Influenza Virus Case in Haryana: इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को लेकर भिवानी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. पॉजिटिव मरीजों के लिए चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
H3N2 Influenza Virus Case in Haryana: हाल ही में देशभर में H3N2 वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं. हरियाणा में इस वायरस के अब तक 10 मामले सामने आए हैं. वहीं एक संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हुई है, जिसके बाद से लगातार प्रशासन अलर्ट मोड पर है.शुक्रवार को हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने भी कहा कि प्रदेश इस वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भिवानी CMO ने भी इस जिले में H3N2 वायरस की तैयारियों के बारे में जानकारी दी.
CMO रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को लेकर भिवानी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. पॉजिटिव मरीजों के लिए चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. जिले में पहली स्टेज के 2 मरीज मिले थे, जो समय पर इलाज करवाने से पूरी तरह से ठीक हो गए. पॉजिटिव मरीज घबराएं नहीं और समय पर अपना इलाज कराएं.
CMO ने फ्लू के बारे में दी जानकारी
फ्लू के बारे में जानकारी देते हुए CMO ने बताया कि H1N1, H3N2 सहित चार तरह के फ्लू होते हैं. पहली स्टेज को स्वाइनफ्लू कहते हैं. 70 से 80 फीसदी माइल्ड टू मोडरेट होकर यह फ्लू अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है.फ्लू के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक सप्ताह से ज्यादा खांसी, जुकाम,गला खराब होना ,सांस लेने में दिक्कत, बॉडी में पेन होना इसके लक्षण हैं. अगर समय रहते इलाज नहीं कराने या लापरवाही बपतने पर व्यक्ति की मौत तक हो सकती है.
फ्लू से ऐसे करें बचाव
फ्लू से बचाव करने के लिए हाथ धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क या कपड़े से मुंह को ढक कर रखें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. इस बीमारी में भी कोविड की तरह ही सावधानी रखनी हैं.
भिवानी के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में टेस्ट और सैंपल की सुविधा है. फ्लू से ग्रसित मरीजों के लिए वार्ड नम्बर-9 को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. मरीजों का सैंपल रोहतक भेजते हैं, जहां मरीजों की जांच होती है. HIV, TV, सांस के मरीज और अस्थमा के मरीज अगर इस वायरल से संक्रमित मरीज के संपर्क में आते हैं तो उसकी मौत की संभावना बढ़ जाती है.
इस वायरस से बचने के लिए एंटी वायरस टेबलेट का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिन मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है उन्हें 7 दिनों तक 75Mg की टेबलेट देते हैं. अगर आपमें से किसी को भी इस वायरस के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. लापरवाही करने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है.
Input- Naveen Sharma