किसी कंपनी के CEO से कम नहीं है इन किसानों की आय, जानें कैसे कमाते हैं करोड़ों रुपये
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में किसान जब परंपरागत खेती छोड़ बागवानी की तरफ आकर्षित हुए. इसके बाद अब उनकी कमाई किसी कंपनी के CEO से कम नहीं है.
दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में किसान जब परंपरागत खेती छोड़ बागवानी की तरफ आकर्षित हुए तो उनके न सिर्फ सपने साकार हुए बल्कि उनकी कमाई देखकर कोई बड़ी से बड़ी कंपनी का सीईओ भी दंग रह सकता है.
ये भी पढ़ें: गैंगस्टर को सोशल मीडिया फॉलो करने वाले युवकों की लिस्ट तैयार, पुलिस करेगी कार्रवाई
इस बारे में जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर सत्यनारायण ने कहा कि सीएम बागवानी बीमा योजना के तहत 21 फसलें ले आती हैं. इसके अलावा मेरा पानी मेरी विरासत यानी पानी का बचाव प्राकृतिक संसाधनों को बचाना प्राथमिकता है, जो किसान धान की फसल नहीं उगते उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
बता दें कि मशरूम की खेती कर रहे युवा अमृतपाल बाजवा मशरूम फार्म के माध्यम से 200 लोगों को सीधा रोजगार दे रहे हैं. वहीं 500 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार दे रहे हैं. इस हिसाब से आप अंदाजा लगा लीजिए की उनकी इनकम कितनी होगी.
वहीं खुम्बरत्न सुल्तान सिंह पिछले 13 साल से मशरूम की खेती कर रहे हैं. उन्होंने तीस बेड से मशरूम फार्मिंग शुरू की थी, जो कि आज 120 बेड में बदल चुकी है और वो 16 एसी रूम के साथ 8 टन मशरूम प्रतिदिन उत्पादन कर रहे हैं. 270 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. सुल्तान सिंह को हरियाणा सरकार ने खुम्बरत्न अवार्ड देकर सम्मानित किया गया, जिसमें उन्हें 1 लाख रुपये नकद व प्रशस्ति पत्र दिया गया.
अब प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह जो कि मास्टर डिग्री के बाद एलएलबी में एडमिशन की जगह खेती में आए तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. महज 2 कनाल से खेती शुरू करते करते आज 16 एकड़ की जमीन पर नई उच्च गुणवत्ता की करोड़ो पौध (गोभी -प्याज -शिमला मिर्च- हरी मिर्च -टमाटर- घीया-करेला -टिंडा- खरबूजा- तरबूज) को तैयार करते हैं, जिसे लेने के लिए लोगों की मारामारी रहती है. सारी पौध हाथों हाथ निपट जाती है. पौध इतनी बेहतर गुणवत्ता की होती कि इसमें यदि तीन महीने तक पानी नहीं दिया जाए तो वह खराब नहीं होती. उनको एनजी रंगा राष्ट्रीय अवार्ड, नर्सरी रत्न, किसान रत्न अवार्डों से नवाजा गया है. हरवीर सिंह करोड़ों रुपये की पौध बेचते हैं.