Asha Workers Strike: हरियाणा की 20 हजार आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 08 अगस्त से हड़ताल पर हैं. आशा वर्कर्स की तरफ से आज विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया गया है, जिसके बाद पंचकूला के सेक्टर-5 के धरना स्थल पर आशा वर्कर्स इकट्ठा होना शुरू हो गईं थीं, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन को रोकने के लिए आशा वर्कर्स को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. इससे पहले भी आशा वर्कर्स के प्रदर्शन को रोकने के लिए देर रात पंचकूला में धारा 144 लगा दी गई थी.


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पंचकूला के सेक्टर-5 से हिरासत में ली गईं आशा वर्कर्स
आशा वर्कर्स ने ऐलान किया था कि आज वो सभी पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होंगी और दोपहर डेढ़ बजे विधानसभा का घेराव करने के लिए कूच करेंगी. इससे पहले ही पुलिस आशा वर्कर्स को गिरफ्तार कर रही है. यही नहीं यूनियन की नेताओं के घर पर भी छापेमारी की जा रही है. पंचकूला में डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह ने धारा 144 लागू कर दी है. आशा वर्करों द्वारा धरना प्रदर्शन करने और विधानसभा घेराव के लिए कूच करने पर रोक लगा दी है.


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आशा वर्कर्स की प्रमुख मांगे
आशा वर्कर्स ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि सरकार उन्हें काम के अनुसार वेतन नहीं दे रही है. कोरोना काल के समय भी वो अपनी जान-जोखिम में डालकर काम करती रहीं, लेकिन सरकार द्वारा उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया. अब आशा वर्कर्स वेतन बढ़ाने और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 21 दिनों से हड़ताल पर हैं. 


स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
आशा वर्कर्स की हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी देखने को मिल रहा है. हड़ताल की वजह से महिलाओं व बच्चों का टीकाकरण अभियान पूरी तरह से रुक गया है. बावजूद इसके हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग इससे अनजान बना हुआ है. अब विधानसभा का घेराव करने के ऐलान के बाद सरकार उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में देखना होगा कि आशा वर्कर्स विधानसभा पहुंच पाती हैं या एक बार फिर पुलिस व प्रशासन उन्हें रोकने में सफल रहेगा.


Input- Divya Rani