Haryana Agriculture: फल-सब्जी के किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ तक मिलेगा मुआवजा, MBBY पोर्टल शुरू
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Haryana Agriculture: फल-सब्जी के किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ तक मिलेगा मुआवजा, MBBY पोर्टल शुरू

Haryana Farmer News: हरियाणा में किसानों को अब प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों के लिए 15 से 40 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा. वहीं यह उन किसानों को मिलेगा, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत पंजीकृत होंगे.

 

Haryana Agriculture: फल-सब्जी के किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ तक मिलेगा मुआवजा, MBBY पोर्टल शुरू

Kurukshetra Farmer News: मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना पोर्टल शुरू हो गया है. कुरुक्षेत्र में हरियाणा में इन फसलों के खराब होने पर 40 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा.  योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत पंजीकृत होंगे. योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योर्ड) सब्जियों व मसालों के लिए 30,000 रुपये प्रति एकड़, फलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ होगी.

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हरियाणा में प्राकृतिक आपदा से फल, सब्जियां और मसाले खराब होने पर 15 से 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा. योजना में 21 फलों, सब्जियों और मसालों को शामिल किया गया है. प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के मुआवजे को सरकार ने चार श्रेणियों में बांटा है. बागवानी बीमा योजना के नाम से नए बागवानी फसल बीमा योजना पोर्टल की शुरुआत की. इसके तहत प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई किसानों को की जाएगी. 

मुआवजा को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 में बांटा गया है. 26 से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियों, मसालों के लिए 15,000 रुपये, फलों के लिए 20,000 रुपये, 51 से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों, मसालों के लिए 22,500 रुपये, फलों के लिए 30,000 रुपये, 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों, मसालों के लिए 30,000 रुपये, फलों के लिए 40,000 रुपये दिया मिलेगा. योजना के लिए प्रारंभिक पूंजी के रूप में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी.

प्राकृतिक खेती बढ़ाने के लिए बनेगा अलग विंग 
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग में अलग से विंग बनाया जाएगा. खाद्यान्न की अधिक मात्रा, उपज के साथ-साथ गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना इसका काम होगा. विंग के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग-अलग क्लस्टर बनाए जाएंगे. ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर-ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी-तूफान व आग से फसल नुकसान को मुख्य कारणों में शामिल किया गया है.

 टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पतागोभी, मूली, 2 मसाले (हल्दी, लहसुन) और 5 फल (आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) की फसल को नुकसान होने पर मुआवजा मिलेगा. योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत पंजीकृत होंगे. योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योर्ड) सब्जियों व मसालों के लिए 30,000 रुपये प्रति एकड़, फलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ होगी.

Input: Darshan Kait

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