हरियाणा में इस जगह बनाया देश का सबसे बड़ा रावण, पहले भी बना चुका है रिकॉर्ड
अंबाला में हर बार बनाए जाने वाले रावण की ऊंचाई इस बार घटाकर 125 कर दी है. इसका मुख्य कारण इसका बड़ा आकार है क्योंकि जब यह गिरता था तो यह काफी जगह लेता था. इतने बड़े पुतले के गिरने की वजह से किसी अनहोनी होने का भी डर रहता था.
नई दिल्लीः विश्व में अंबाला के बराड़ा में श्री रामलीला क्लब द्वारा बनाए गए रावण के पुतले की हमेशा चर्चा रहती है. बराड़ा के नाम पर दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 5 बार दर्ज हो चुका है. लिम्का बुक में 2011 में पहली बार ये रिकॉर्ड 2009 में बने पुतले के लिए दर्ज हुआ था. तब से हर बार इस पुतले की ऊंचाई लगातार बढ़ाई जा रही थी. 2013 से लेकर 2016 तक इसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में एंट्री मिली है.
मगर इस बार इस अंबाला के रावण के पुतले की ऊंचाई 221 फीट से घटाकर 125 फीट कर दी गई है. उसका कारण कमेटी के पास कोई मैदान न होना है. लेकिन कमेटी इस सिलसिले को रोकना नहीं चाहती. जिसके चलते पुतले की ऊंचाई कम कर दी गयी है. इस बार अंबाला के बराड़ा में 125 फीट के रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. इस पुतले को बनाने में डेढ़ महीने का समय और करीब 10 लाख का खर्च आता है.
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इसमे ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाता है व इसका दहन रिमोट की मदद से किया जाता है. रावण के पुतले को खड़ा करने के लिए बड़ी क्रेनों की मदद ली जाती है. हर बार यहां रावण दहन देखने के लिए लाखों लोग जुटते हैं. इस पुतले की वजह से बराड़ा की पहचान पूरे विश्व में हो गई है. यह पुतला सबसे पहले 1987 में बनाया गया था. तब इसकी ऊंचाई सामान्य पुतलों जैसी ही होती थी. इस पुतले को बनाने में भारी मात्रा में बांस, लोहा, फाइबर का इस्तेमाल होता है.
इस बार सिर्फ रावण के पुतले का दहन होगा मेघनाथ और कुंभकर्ण का नहीं
इसे बनाने में डेढ़ महीने का समय लगा है और यह पुतला अब लगभग बनकर तैयार हो गया है. इसे बनाने में 10 लाख रुपये का खर्च आया है. इसमें ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाएगा. श्री राम लीला क्लब के प्रधान ने बताया उनके पास मैदान नहीं है, इसलिए रावण की ऊंचाई कम कर दी गई है. लेकिन ये फिर भी भारत का सबसे ऊंचा रावण का पुतला रहेगा. इस बार सिर्फ रावण के पुतले का दहन होगा मेघनाथ और कुंभकर्ण का नही. इसका दहन रिमोट द्वारा किया जाएगा.