हरियाणा के लिपिक वर्गीय कर्मचारी अपनी मांगों पूरी न होने को लेकर दिसंबर और जनवरी के महीने में विधायकों को ज्ञापन सौपेंगे.
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नवीन शर्मा/ नई दिल्ली: दिसंबर के महीने में एक ओर जहां कड़ाके की ठंड होगी वहीं लिपिक वर्गीय कर्मचारी (Clerical Class Employee) अपनी मांगों को लेकर गरजेंगे. कर्मचारियों का कहना है कि वे शिक्षा मंत्री के साथ बैठक कर चुके हैं. 9 मांगे शिक्षा मंत्री ने मान ली थी, इसके बावजूद आज तक अधिकारियों ने पत्र जारी नही किया है. जिसका खमियाजा सरकार को भुगतना होगा. दिसबंर के महीने में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी विधायकों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सोपेंगे और इसके एक बड़े आंदोलन को छेड़ेंगे.
शिक्षा विभाग के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के राज्य प्रधान संदीप सांगवान ने प्रेस वार्ता कर यह बयान दिया. उनका कहना है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का वेतन कम है और इन मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री के साथ बैठक हुई.
-35,400 से उनका वेतन शुरू हो
-कर्मचारियों का ड्यूटी चार्ट
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-केपट पोस्टो को खोल कर दूर-दराज उनके साथियों को नजदीक समायोजित किये जाने
-सहायक के पदों 20 प्रतिशत प्रमोशनल पदों पर सेवा नियम में संशोधन
-डीईओ पलवल कार्यालय में अन्य जिलों की तरह पद स्वीकृति किये जाने
-चुनाव कार्यो को छोड़कर अन्य किसी विभाग में ड्यूटी ना लगाने
बैठक के तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कोई पत्र जारी नही हुआ है. जबकि शिक्षा मंत्री ने 9 मुद्दों पर सहमति दी थी. सांगवान ने बताया कि इस बीच ने निदेशक के कार्यालय पर दो बार प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्हें बार-बार कोरे आश्वासन दिए जाते हैं. अब उन्होंने आपातकालीन बैठक करके निर्णय लिया है कि सभी विधायकों को दिसम्बर और जनवरी महीने से ज्ञापन सोपेंगे. जिसके लिए हर कमिश्नरी स्तर पर शेड्यूल जारी कर दिया है.