चंडीगढ़: हरियाणा के बुजुर्ग लोगों को सीएम मनोहर लाल ने बड़ी सौगात दी है. सरकार अब घर जाकर बुढ़ापा पेंशन कार्ड बनाएगी. यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ है. इसमें वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना की प्रक्रिया में बदलाव करने का निर्णय लिया है. अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए नागरिक सेवा केन्द्र अंत्योदय केंद्र या किसी अन्य सरकारी कार्यालय में बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. सीएम ने सोमवार को हरियाणा सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक के बाद प्रेसवार्ता में बोल रहे थे.


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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई प्रक्रिया के तहत, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत पात्र व्यक्ति को अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान संख्या की आवश्यकता होगी. हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के लिए पात्र व्यक्तियों का इलेक्ट्रॉनिक रूप में डेटा उपलब्ध करवाएगा और विभाग की योजना के तहत हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण डेटा ट्रांसफर प्रक्रिया के माध्यम से पूरे विवरण के साथ एक सूची तैयार करेगा. सूची में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो और पति या पत्नी की आय एक साथ प्रति वर्ष 2 लाख रुपये से अधिक न हो और जो कम से कम पिछले 15 वर्षों से हरियाणा का निवासी हो.



जिला समाज कल्याण अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि व्यक्ति योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई अन्य पेंशन नहीं ले रहा है. अपेक्षित लाभार्थियों की सहमति एवं पूछताछ करने उपरांत संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोर्टल पर लाभार्थियों के पक्ष में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान करेगा और विशिष्ट पेंशन पहचान संख्या अंकित की जाएगी. 



इस प्रकार, वरिष्ठ नागरिकों को सीएसई/अंत्योदय केंद्र या किसी भी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी और वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के पात्र वरिष्ठ नागरिकों को बिना किसी असुविधा के उनके घर द्वार पर ही पात्रता की स्वीकृति मिल जाएगी. यह नई प्रक्रिया 31 मार्च, 2022 को पायलट आधार पर शुरू की गई है और परिवार पहचान पत्र पोर्टल के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए आवेदन करने की पुरानी प्रक्रिया को 25 अप्रैल, 2022 से रोक दिया गया था.


ई-व्हीकल पॉलिसी को क्या फैसला हुआ?
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते इलेक्ट्रिक वाहन समय की मांग हैं, इसी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी-2022 को पास किया है. हरियाणा ईवी पॉलिसी से वाहनों के खरीददारों के साथ-साथ निर्माता और रिसर्च एंड डेवलेपमेंट करने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा. 


कितने की खरीद पर मिलेगी छूट?
15 लाख से 40 लाख रुपये तक की कीमत की इलेक्ट्रिक कार पर 15 प्रतिशत कीमत पर छूट या 6 लाख रुपये की छूट दी जाएगी. हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 15 लाख से 40 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 3 लाख रुपये की छूट दी जाएगी. इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 40 लाख से 70 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 10 लाख रुपये की छूट दी जाएगी.


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इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर की खरीद पर 100 फीसदी तक छूट
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर खरीदने पर मोर्टर व्हीकल टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी. उन्हें 10 साल के लिए 50 प्रतिशत स्टेट जीएसटी की छूट देंगे. इसके अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट रहेगी. इसके साथ-साथ 20 साल के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन सभी के साथ-साथ जो एजुकेशन और शोध संस्थान नई इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक पर शोध करेंगे उन्हें उनके प्रोजेक्ट की 50 प्रतिशत लागत दी जाएगी.


स्टॉर्टअप के नए द्वार खुले, 5 हजार कंपनियां सिर्फ हरियाणा
स्टार्टअप पॉलिसी को भी मंजूरी मिली है. इससे स्टार्टअप शुरू करने वाले लोगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. स्टॉर्टअप में हरियाणा का तीसरा स्थान है. 60 हजार नई स्टॉर्टअप कंपनियों में से 5 हजार कंपनियां हरियाणा में हैं. नई स्टॉर्टअप पॉलिसी के तहत अलग-अलग छूट देकर नए-नए स्टॉर्टअप को हरियाणा में आकर्षित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में हरियाणा स्टेट डेटा सेंटर पॉलिसी-2022 को भी मंजूरी दी है.


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बेरी के श्राइन बोर्ड को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट बैठक में श्री माता भीमेश्वरी देवी मंदिर (आश्रम), बेरी के श्राइन बोर्ड बनाए जाने पर भी मंजूरी दी गई है. इस मंदिर से जुड़ा केस न्यायालय में विचाराधीन है. इस पर न्यायालय ने सरकार को अपना फैसला लेने के लिए कहा था. सरकार ने अब इस मंदिर का मनसा देवी मंदिर की तरह श्राइन बोर्ड बनाने का फैसला लिया है.


यूएचबीवीएनएल को फंड की गारंटी दी गई
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएनएल) को स्वीकृत ऋण के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-10, पंचकूला के पक्ष में 700 करोड़ रुपये की गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई. फंड-आधारित आवश्यकता को पूरा करने के लिए, यूएचबीवीएनएल ने विभिन्न बैंकों से 500 करोड़ रुपये के कैपेक्स ऋण तथा 200 करोड़ रुपये के कार्यशील पूंजी ऋण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर -10, पंचकुला ने निगम के अनुरोध पर विचार किया और 500 करोड़ रुपये का कैपेक्स ऋण स्वीकृत कर दिया. 


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