मोदी सरकार के सामने CM मनोहर ने की दिल्ली और पंजाब की शिकायत, क्या हल निकालेंगे शाह?
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मोदी सरकार के सामने CM मनोहर ने की दिल्ली और पंजाब की शिकायत, क्या हल निकालेंगे शाह?

National Conference on Drug Trafficking and Nationa Security: हरियाणा के सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों के साथ लगते हमारे जिले प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली के साथ लगते जिलों में नशा एक समस्या है. हरियाणा में दूसरे राज्यों से नशे की खेप आ रही है. इस पर रोक लगाने का काम करें.

मोदी सरकार के सामने CM मनोहर ने की दिल्ली और पंजाब की शिकायत, क्या हल निकालेंगे शाह?

चंडीगढ़: हरियाणा की मनोहर सरकार ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के सामने दिल्ली और पंजाब सरकार की शिकायत की है. साथ ही कहा है कि वो ही इसका हल निकालें क्योंकि इससे हरियाणा का बहुत नुकसान हो रहा है. प्रदेश के युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार मदद कर सकती है. 

दरअसल, चंडीगढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी व राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्री सम्मेलन में यह बातें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कही हैं. इसकी अध्यक्षता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे थे. इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मंच पर मौजूद थे. अपने संबोधन में मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में नशे के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाने में कारगर रहेगा. ये सम्मेलन भारत दुनिया का सबसे युवा देश, युवा हमारी बहुत बड़ी ताकत, नशे की समस्या को सकते नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.

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हरियाणा सीएम ने कहा कि हमारी पुलिस ने दूसरे राज्यों तक भी जाकर कार्रवाई की है. प्रदेश में 142 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए. हर जिले में सिविल अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है. अंतरराज्य तस्कर गिरोह से निपटने के लिए पंचकूला में अंतर्राज्यीय एंटी ड्रग सचिवालय बनाया गया. जहां उत्तरी भारत के 8 राज्य सूचनाएं साझा करते हैं. हमने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की है. युवाओं की क्षमता का सकारात्मक प्रयोग करने के लिए खेलों को बढ़ावा दिया. गांव स्तर तक व्यायामशालाएं खोलीं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में प्रतिबंधित दवाओं जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाता है, को बैन करने की मांग की है. साथ ही कहा कि कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे पड़ोसी राज्यों का नशा प्रदेश में न आ सके.

हरियाणा के दूसरे राज्यों के साथ लगते जिले प्रभावित हो रहे हैं. पंजाब और दिल्ली के साथ लगते जिलों में नशा एक बड़ी समस्या है. हरियाणा में दूसरे राज्यों से ड्रग्क की खेप आती है. नशे के खिलाफ हमने कई कदम उठाए हैं. हर महीने एनडीपीसी एक्ट में 200 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए. पिछले एक साल में अब तक 2661 आरोपी गिरफ्तार किए. जून 2022 तक 253 ड्रग तस्करों से करीब 32 करोड़ की काली कमाई जब्त की गई. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह किया कि ठोस रणनीति के साथ नशा तस्करों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करें.

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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रतिबंधित दवानों को ट्रैक करने के लिए केंद्र सरकार यूनिक सीरियल नंबर अंकित करे. दवा की पैकिंग पर बार कोड और ये नंबर अंकित हो. जिससे इस नंबर के जरिए दवा को ट्रेस किया जा सके. अपराधों, अपराधियों और पीड़ितों से संबंधित गतिविधियों के लिए केंद्रीयकृत राज्य डेटाबेस के तहत एक सॉफ्टवेयर HAWK तैयार किया है. विकसित बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए स्कूल, कॉलेज ,विश्वविद्यालय स्तर पर धाकड़ कार्यक्रम शुरू किया है. फॉरेंसिक लैबोरेट्री को भी अपग्रेड करने का लक्ष्य, ताकि ड्रग्स की रिपोर्ट जल्दी से जल्दी आ सके. आरोपियों को डिफॉल्ट बेल ना मिले.

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