Haryana News: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (HCMS) एसोसिएशन के आवाह्न पर गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिला. विभिन्न मांगों के पूरा न होने पर अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं बंद रहीं. इस दौरान इलाज के पहुंचे मरीज और उनके तीमारदार यहां-वहां भटकते नजर आए. इधर सरकार ने दोपहर में HCMS एसोसिएशन के सदस्यों को बातचीत के लिए बुलाया. यह मीटिंग छह घंटे चली. बैठक में एसोसिएशन ने  चार मांगें रखीं.


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छह घंटे चली बैठक
डॉक्टरों ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए स्पेशल कैडर होना चाहिए. SMO की सीधी भर्ती बंद की जाए. इसके अलावा डॉक्टरों ने केंद्र की तर्ज पर फोर्थ एसीपी की मांग की. उन्होंने कहा कि पीजी कोर्सेस में प्रवेश के लिए डॉक्टरों को 1 करोड़ की बॉन्ड राशि जमा करानी पड़ती है. इसे 50 लाख किया जाए. सरकार के साथ छह घंटे तक चली बैठक के बाद हरियाणा डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश खयालिया ने बताया कि सरकार के साथ 4 मुख्य मांगों में से बॉन्ड वाली मांग को लेकर सहमति बनी है. सरकार ने बॉन्ड राशि को घटाकर 50 लाख कर दिया है. सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी.  हालांकि एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन, सीएमओ के पद पर सीधी भर्ती और भत्ते से जुड़ी मांग पर पेंच फंसा रहा. खयालिया ने कहा डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी. वहीं पंचकूला में डॉक्टरों ने अपना भूख हड़ताल भी वापस नहीं ली है.


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तीन मांगों पर अभी फंसा पेंच
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने डॉक्टरों को भारत सरकार की तर्ज पर 7200 यात्रा भत्ता देने पर सहमति जताई है, लेकिन नोटिफिकेशन को लेकर कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी. डॉक्टरों की अब एक मीटिंग एसीएस हेल्थ के साथ होगी, जिसमें बाकी बचे तीन मांगों पर चर्चा होगी. अभी सिर्फ 1 मांग पर ही सहमति बनी है.