Haryana News: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सर्व कर्मचारी संघ ने स्थानीय बोर्ड कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें कर्मचारियों ने सरकार पर भेदभावपूर्ण नीतियों का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.


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सरकार कर्मचारियों का किया जाता है शोषण 
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान सत्यवीर स्वामी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को विभाग की रीढ़ मानने के बजाय उनके हितों का शोषण कर रही है. उन्होंने सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों को नजरअंदाज कर अन्य संगठनों के साथ बातचीत करना सरकार की नीति में भेदभाव को दर्शाता है.


स्वामी ने सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के बजाय सरकार अन्य संगठनों के साथ बातचीत कर रही है जो स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण नीति का संकेत देता है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया और कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया, तो आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इस विरोध प्रदर्शन ने शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों में सरकार के प्रति गहराते असंतोष को उजागर किया है और यह संकेत दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आगामी चुनावों में इसका राजनीतिक प्रभाव हो सकता है.


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भाजपा को विधानसभा चुनाव में हो सकता है नुकसान 
कर्मचारियों की मांगों में शिक्षा बोर्ड में सचिव की नियुक्ति सरकारी विद्यालयों को सीबीएसई से न जोड़ना अध्ययन केंद्र खोलने की प्रक्रिया पर रोक, एससी/बीसी विद्यार्थियों की बकाया परीक्षा शुल्क की राशि का भुगतान और कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लागू होना शामिल है. स्वामी ने कहा कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.


Input-NAVEEN SHARMA