हरियाणा में पंजाब के CM भगवंत मान का फूंका पुतला, किसानों पर की थी अभद्र टिप्पणी
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1454164

हरियाणा में पंजाब के CM भगवंत मान का फूंका पुतला, किसानों पर की थी अभद्र टिप्पणी

हरियाणा में किसानों नें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला फूंका है. भारतीय किसान एकता के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों पर अभद्र टिप्पणी करने पर माफी मांगने की मांग उठाई.

हरियाणा में पंजाब के CM भगवंत मान का फूंका पुतला, किसानों पर की थी अभद्र टिप्पणी

चंडीगढ़: सिरसा में आज किसानों ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला फूंका और पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. भारतीय किसान एकता के बैनर तले किसान सिरसा के नेहरू पार्क में एकत्रित हुए. उसके बाद शहर के बाजारों से रोष मार्च करते हुए सिरसा के बाबा बंदा सिंह बहादर चौक पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला फूंका. उनसे किसानों पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर किसानो से माफी मांगने की मांग उठाई. 

ये भी पढ़ें: BJP,कांग्रेस के जुबानी हमले से घिरीं आतिशी, जानें किस बात पर छिड़ी बहस

भारतीय किसान एकता के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह ओलख ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने किसानों से वादे किए थे, जिन्हें वो अब पूरा नहीं कर रही. इसी को लेकर किसानों द्वारा पंजाब में कई जगह पर धरने लगाए गए और सरकार को 16 नवंबर तक का टाइम दिया था, लेकिन इसी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों पर अभद्र टिप्पणी कर दी. जिसे लेकर किसानों में रोष है. वहीं पंजाब में 19 नवंबर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं, लेकिन पंजाब सरकार अब उनकी मांगे नहीं मान रही. 

वहीं लखविंदर ओलख ने कहा कि इसी को लेकर 24 नवंबर को किसानों की मीटिंग है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान द्वारा किसानों पर की गई टिप्पणी से किसानों में रोष है. इसलिए उनसे मांग है कि वो किसानों से माफी मांगे और उनकी मांगो को पूरा करें. इसी को लेकर आज प्रदेशभर में भगवंत मान के पुतले फूंक का रोष जाहिर किया गया है.

मई 2022 में संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक के नेतृत्व में पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़ का घेराव किया था. इसके बाद किसानों से वार्ता के दौरान पंजाब सरकार ने कई मांगों पर सहमति जताई थी. मुख्य मांगें जिन पर सहमति बनी थी, वे इस प्रकार हैं-
1. देह शामलात और मुश्तर्का मालकान जमीनें किसानों से नहीं छीनी जाएंगी. 
2. पहले की सरकारों के समय पराली जलाने वाले किसानों की जमीनों को रेड एंट्री से बाहर किया जाएगा व उन पर दर्ज मुकदमे खारिज किए जाएंगे. भविष्य में पराली न जलाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 2500 रुपये/एकड़ दिया जाएगा.
3. खराब फसलों का मुआवजा दिया जाएगा एवम लम्पी स्किन बीमारी से मारे गए पशुओं का मुआवजा दिया जाएगा. 
4. किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों के 1-1 सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. 
5. मूंग की फसल की MSP पर पूर्ण खरीद की जाएगी. 
 
लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद पंजाब सरकार द्वारा किए गए तमाम वादे अधूरे हैं. किसानों की बातें सुनने की बजाय पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, किसानों का आरोप हैं कि सीएम ने किसान संगठन पर धरना देने को लेकर कई टिप्पणियां की हैं. इसके अलावा भी उन्होंने किसानों के बारे में बहुत सारी अपमानजनक बातें बोली हैं. आम आदमी पार्टी के अन्य नेता और सोशल मीडिया हैंडल्स किसानों और अन्य वर्गों के बीच में खाई पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. पंजाब में 6 जगहों पर 16 नवंबर से हजारों किसान धरना दे रहे हैं और 19 नवंबर से किसान नेता सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं.

पंजाब के किसानों के समर्थन में और भगवंत मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आज पूरे हरियाणा में किसानों ने पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान के पुतले जलाए हैं. हरियाणा के किसानों ने कहा कि वे कंधे से कंधा मिलाकर पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं एवं किसी भी सूरत में किसानों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.