हरियाणा सरकार ने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए बनाई योजना पर निजी स्कूलों को भी दिया यह `अधिकार`
योजना को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग किसी भी प्राइवेट स्कूल को बाध्य नहीं कर सकेगा. सरकार के आदेशानुसार निजी स्कूलों को अपनी सीटों का ब्योरा देना होगा.
अमन कपूर/अंबाला: 134ए (134a) खत्म करने के बाद हरियाणा सरकार (Haryana government) गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों (private schools) में निशुल्क पढ़ाने (free education) के लिए नई योजना लेकर आई है, जिसके तहत 1 लाख 80 हजार से कम आय वाले परिवारों के बच्चों का कक्षा दूसरी से बाहरवीं तक दाखिला प्राइवेट स्कूलों में करवाया जाएगा, लेकिन इस योजना को अपनाने के लिए शिक्षा विभाग किसी भी प्राइवेट स्कूल को बाध्य नहीं कर सकेगा. प्राइवेट स्कूलों को 30 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट पर अपनी सीटों का ब्योरा देंना होगा.
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सरकार भरेगी बच्चों की सीट
हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को निजी मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ने का एक समान अवसर देने के लिए एक महत्वकांक्षी योजना तैयार की है. इस योजना के तहत गरीब वर्ग छात्रों के दाखिले कक्षा दूसरी से बारहवीं तक प्राइवेट स्कूलों में करवाए जाएंगे. इन स्कूलों में गरीब छात्रों की फीस सरकार भरेगी, लेकिन शिक्षा विभाग किसी भी प्राइवेट स्कूल को इस योजना को अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा.
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इस योजना को अपनाने वाले स्कूलों को 30 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट पर अपनी सीटों की जानकारी देने के लिए कहा गया है. अंबाला के जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि इस योजना के अनुसार गरीब बच्चों को पढ़ाने की एवज में हरियाणा सरकार प्राइवेट स्कूलों को कक्षा 2 से 5 तक हर छात्र पर 200 रुपये प्रतिमाह देगी. इसके अलावा कक्षा 6 से 8 तक प्रति छात्र 900 रुपये और कक्षा 9 से 12वीं तक प्रति छात्र 1100 रुपये सरकार स्कूलों को अदा करेगी.
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