Corruption पर हरियाणा सरकार सख्त, लंबित 30 मामलों में अभियोजन की मंजूरी
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Corruption पर हरियाणा सरकार सख्त, लंबित 30 मामलों में अभियोजन की मंजूरी

Haryana News: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत लंबित 30 मामलों में विभागों ने अभियोजन की मंजूरी दे दी है. 

Corruption पर हरियाणा सरकार सख्त, लंबित 30 मामलों में अभियोजन की मंजूरी

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार (Haryana Government) प्रदेश में भ्रष्टाचार (Corruption) में संलिप्त अधि‌कारियों और कर्मचारियों पर सख्त रूख अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ एक अहम बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुछ लंबित मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988) की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी देने के संबंध में समीक्षा की.

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर महीने तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है. मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar lal) प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी विभागों से समय–समय पर ऐसे मामलों की प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट ली जाती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार को रोकना अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी है. 

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उन्होंने बताया कि राज्य सतर्कता ब्यूरो (State Vigilance Bureau) की ओर से विभागों को अभियोजन की मंजूरी देने के लिए जारी पत्र के 3 महीने के अंदर-अंदर सक्षम प्राधिकारी को अभियोजन की मंजूरी देनी होती है. उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय में मंजूरी प्रदान की जाए, ताकि आगामी कार्रवाई को जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके.

पोर्टल होगा विकसित, विभाग अपलोड कर सकेंगे विजिलेंस मामलों से संबं‌धित सभी जानकारी
मुख्य सचिव ने कहा कि जल्द ही एक पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिस पर विभाग विजिलेंस मामलों से संबं‌धित सभी प्रकार की जानकारियां जैसे, एक्शान टेकर रिपोर्ट (ATR), जांच रिपोर्ट, अभियोजन की मंजूरी इत्यादि अपलोड कर सकेंगे. इससे रियल टाईम डाटा उपलब्ध होगा कि किस विभाग में किस स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित है. इतना ही नहीं, इससे मासिक तौर पर हर विभाग की रिपोर्ट भी जनरेट हो सकेगी और प्रशासनिक सचिव भी आसानी से ऐसे मामलों की समीक्षा करने में सक्षम होंगे.

बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त वी एस कुंडू, गृ‌ह विभाग के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य सचिव एके सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक संजय जून, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी, सतर्कता विभाग के विशेष सचिव पंकज, रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, हरियाणा डॉ शालीन सहित अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे.