Holi 2023: देशभर में होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन देश में आज भी ऐसी कुछ जगहें हैं जहां पर होली का त्योहार नहीं मनाया जाता. आज के आर्टिकल में हम आपके लिए हरियाणा के हिसार जिले के एक ऐसे ही गांव की कहानी लेकर आए हैं. इस गांव में आजादी के बाद से कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिसार का मंगाली गांव 
हिसार जिले के मंगाली गांव में आजादी के बाद से कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया और न ही यहां पर होलिका दहन किया गया.गांव के उम्रदराज बुजुर्गों का कहना है कि आजादी से पहले 3 बार यहां होलिका दहन किया गया, लेकिन उसके तुरंत बाद घरों या बाड़े में आग लग गई. आग कैसे लगी इसकी वजह नहीं पता, लेकिन तबसे यहां के लोगों ने होलिका दहन करना बंद कर दिया. उनका मानना है कि अगर होलिका दहन किया गया तो गांव में कुछ बुरा हो सकता है. 


ये भी पढ़ें- Holika Dahan 2023 Mantra: होलिका दहन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगा निजात


पुरानी परंपरा का पालन कर रहे लोग
इस गांव में रहने वाले लोग आजादी के बाद से लगातार होली का त्योहार नहीं मनाने की परंपरा मना रहे हैं. उनका कहना है कि साल 1944, 1945 और 1946 होली जलाने पर गांव के घरों में आग लग गई, जिसके बाद से यहां कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया गया. 


आजादी के आंदोलन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
हिसार का मंगाली गांव होली ना मनाने के साथ ही एक महत्वपूर्ण वजह से जाना जाता है. यहां के लोगों ने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.साल 1857 में मंगाली के क्रांतिकारियों ने हिसार जेल पर हमला करके 12 अंग्रेज अधिकारियों को मार गिराया. उसके बाद मंगाली में पुरानी हवेली को अंग्रेज सैनिकों ने घेर लिया था, जिससे बचने के लिए 300 क्रांतिकारियों ने कुंए में छलांग लगा दी थी. इस घटना में 30 से ज्यादा क्रातिकारी मारे गए थे.