कैथल जिले में 11 हजार मीट्रिक टन गेंहू सड़ने के मामले में कैथल विधायक का बयान सामने आया है. विधायक लीलाराम ने कहा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों का कुछ नही बिगड़ेगा, बल्कि ये भ्रष्ट अधिकारी सेटिंग करके इस मामले में बच जाएंगे.
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विपिन शर्मा/कैथल: कैथल में 22 करोड़ रुपये की लागत का गेहूं को सड़ने का मामला हर रोज तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस पूरे मामले में कैथल के विधायक लीलाराम ने एक बड़ा बयान दिया है, लीलाराम के अनुसार इसमें उच्च स्तरीय जांच में भी कुछ नहीं होगा. सभी दोषी अधिकारी इस मामले से बचकर निकल जाएंगे.
क्या है पूरा मामला
कैथल जिले में 11 हजार मीट्रिक टन और पूरे हरियाणा में लगभग 43,000 मीट्रिक टन गेहूं को सड़ाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद इस पूरे मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई. अब इस पूरे मामले में जांच के लिए चंडीगढ़ से उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. 3 सदस्यीय ये कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
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इस पूरे मामले में कैथल के BJP विधायक लीलाराम ने कहा कि गेहूं प्रकृतिक कारणों से नहीं बल्कि अधिकारियों की लापरवाही से खराब हुआ है. सरकार द्वारा इस मामले पर दोबारा उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात का दावा किया गया है. लेकिन इस मामले में दोषी अधिकारियों का कुछ नही बिगड़ेगा, बल्कि ये भ्रष्ट अधिकारी ऊपर तक सेटिंग करके इस मामले में पाक-साफ निकल जाएंगे.
कैथल विधायक लीलाराम द्वारा दिया गया ये बयान चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. जब पारदर्शिता का दावा करने वाली सरकार के मौजूदा विधायक ही अपनी सरकार की उच्च स्तरीय जांच कमेटी पर विश्वास नहीं है, तो फिर भला आम नागरिक सरकार से न्याय की क्या उम्मीद कर सकता है.
वहीं दूसरी तरफ कैथल में खराब हुए 22 करोड़ रूपए के गेहूं के मामले में कैथल DC द्वारा दोषी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई थी, जिसके बाद सरकार ने उसे नकारते हुए उच्च स्तरीय जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जांच कमेटी में एक सीनियर IAS अधिकारी के साथ अन्य दो अधिकारी शामिल होंगे. ये जांच कमेटी 30 दिनों में इस मामले की रिपोर्ट सरकार के सामने पेश करेगी.