हरियाणा के कैथल में बारिश से पहले 300 मीट्रिक टन गेहूं खराब गया था, वो अब 11000 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. वहीं अब अधिकारी इस गेहूं को औने-पौने दामों पर बेच रहे हैं. अधिकारियों की लापरवाही से करीब 22 लाख लोगों के मूंह से निवाला छिन गया है.
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विपिन शर्मा/कैथल: जिला कैथल में लगातार अन्न का अपमान हो रहा है. गेहूं खुले में रखकर सड़ाने का मामला का अब 11000 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. 22 करोड़ रुपये के गेहूं खराब होने की वजह से एजेंसियों को औने पौने दामों पर बेचा गया. इससे 22 लाख लोगों से 1 महीने का निवाला छिन गया है.
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जी मीडिया ने कैथल में गेंहु के मिट्टी में तब्दील होने की एक छोटी तस्वीर आपको दिखाई थी की कैथल में 3200MT गेंहू खराब हो चुका है, लेकिन अब ग्राउंड पर जांच पड़ताल में सामने आया है की कैथल में गेंहू इससे 4 गुना खराब पाई गई है. यानी करीब 11 हजार MT गेहूं खराब हो चूका है. यानी 22 लाख लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किलो के हिसाब में बांटा जा सकता था, जिसे अब सरकार ओने पोने दामों में नीले रंग की तिरपाल से ढक कर प्राइवेट कंपनी को बेचकर गोदाम को खाली कर रही है.
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि देश और प्रदेश का एक भी व्यक्ति भूखा न सोए कुपोषण का शिकार ना हो. वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से 11,000 मैट्रिक टन गेहूं जिसे सरकार ने 22 करोड़ रुपये में गरीबों के पेट का निवाला बनाने के लिए खरीदा था. उसे अधिकारियों ने खुले में रखा और ठीक से देखभाल नहीं की, जिसकी वजह से यह गेहूं बारिशों में पानी की वजह से भीगकर इतना खराब हो गया है कि कोई जानवर भी से खाएगा तो बीमार हो जाएगा.
अब इस खराब गेहूं को नाम मात्र के मूल्य पर ई-ऑक्शन के जरिये कंपनियों को बेचा गया है. अब यह खराब गेहूं शराब बनाने, कैटल फीड बनाने और अन्य उपयोगों में आएगा. इसके पीछे एक बहुत बड़ा षड्यंत्र होने की आशंका है. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
आपको बता दें यह मामला केवल जिला कैथल में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में यह षड्यंत्र चल रहा है. इसकी जांच बहुत जरूरी है. इस बारे जब कैथल की उपायुक्त डॉक्टर संगीता तेतरवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसके लिए जांच कमेटी गठित की गई है, जिस एजेंसी ने भी यह लापरवाही बरती है. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इसे विषय पर जब कैथल के डीएफएससी (DFSC) अधिकारी प्रमोद शर्मा सहित पहले जब पूछा गया था. उन्होंने कहा था कि जो भी नुकसान होगा विभाग के अधिकारियों पर 5 हिस्सों में बांटा जाएगा. उनसे रिकवरी की जाएगी, जिसमें वह खुद भी शामिल है.