नई दिल्ली:  कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के छात्र पिछले 25 दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के छात्र अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए और 7 छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. MBBS छात्रों का कहना है कि सरकार के पास हमारी सारी मांगे पहुंची हुई है, लेकिन वह इसका हल ही नहीं करना चाहते हैं. 


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48 घंटे में इमरजेंसी सेवाएं भी कर दी जाएंगी बंद- छात्र 
बांड पॉलिसी के विरोध में MBBS के छात्र पिछले 25 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात नहीं मान रही. आज करनाल में MBBS के छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए एक पत्रकार वार्ता की जिसमें उन्होंने कहा कि उनको मेडिकल कॉलेजों में काम कर रहे डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है और उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं ठप कर दी. सरकार को उन्होंने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है अगर सरकार 48 घंटे में कोई भी फैसला नहीं लेकर तो 48 घंटों के बाद इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी.


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प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार से हमारी कई बार बात हुई लेकिन सभी विफल हुई. सरकार हमारी बात मानने को तैयार नहीं है जिसके चलते मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स भी हमारे समर्थन में आ गए हैं. जिन्होंने हमारा समर्थन करते हुए और बांड पॉलिसी का विरोध करते हुए अपनी सेवाएं देने से मना कर दिया है. प्रदर्शन कर रहे एमबीबीएस के छात्र ने कहा कि सरकार का रवैया बिल्कुल अड़ियल है जिसके चलते वह हमारी बात मानने को तैयार नहीं है. हालांकि जब एडमिशन लिया गया था, तब उनको ढूंढ पॉलिसी के बारे में नहीं बताया गया था . बांड पॉलिसी में एक छात्र को 40 लाख रुपये भरने होते हैं. इतनी मोटी राशि कहां से लेकर आएंगे. अगर सरकार अब इनकी बात नहीं मानते तो 48 घंटों के बाद इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगे. जिसकी जिम्मेवार सरकार होगी.


छात्रों की ये है मुख्य मांगे
-OPD के बाहर धरने पर बैठे छात्रा की मुख्य मांग है कि बांड एग्रीमेंट में से बैंक की दखलअंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए.
-साथ ही बांड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 वर्ष की जाए.
- ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे.
- 40 लाख सेवा बॉन्ड राशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए.