Bhiwani: भिवानी में महम गेट के चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर-1 पर फर्जी पीआईडी (प्रॉपर्टी आईडेंटिफिकेशन) के मामले में पीड़ित परिवार ने 9 महीने तक संघर्ष किया. परिवार का आरोप है कि नगर परिषद के कुछ कर्मचारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से उनकी गली पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी. पीड़ित मुरारीलाल के परिवार का कहना है कि उन्होंने पिछले नौ महीनों से प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद हाल ही में फर्जी तरीके से बनाई गई पीआईडी को रद्द किया गया. इसके बावजूद, दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे परिवार असंतुष्ट है.


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गली को निजी फायदे के लिए किया जा रहा इस्तेमाल 
पीड़ित परिवार के सुरेश प्रजापति, सुरेश सैनी और रणबीर भाटी ने बताया कि गली नंबर-1 पिछले 25 वर्षों से पक्की बनी हुई थी, जिसमें सीवरेज और पेयजल लाइनें भी डली हुई हैं और यह गली नगर परिषद के नक्शे में भी पास की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं ने फर्जी कागजात के आधार पर नगर परिषद से एक फर्जी पीआईडी बनवाई, जिससे गली को बंद कर निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा सके.


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न्याय की लोग कर रहे प्रतीक्षा 
मुकेश सैनी के परिवार ने इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई और लंबे समय तक संघर्ष किया. आखिरकार, शहरी निकाय निदेशालय, चंडीगढ़ ने फर्जी पीआईडी को रद्द करने के आदेश जारी किए हैं. हालांकि, परिवार का कहना है कि अब तक दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है. परिवार ने भिवानी एसपी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं. पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने अभी तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की है और वे न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.


Input- नवीन शर्मा


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