Panipat News: हरियाणा के युवा खिलाड़ी सुमित ने खेल-खेल में बॉक्सिंग को अपना कैरियर चुना. जिसके लगातार 8 से 9 साल अभ्यास करने के बाद उन्हों ने 2021 में राष्ट्रीय खेलों में पहला मेडल जीता. सुमित के अंदर पहला मेडल जीतने के बाद और मेडल जीतने का जनून बढ़ता गया तो खेलो इंडिया, जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप, वर्ल्ड बॉक्सिंग व एशियन यूथ बॉक्सिंग में गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल जीते. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अंदर-19 वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सुमित ने जीता ब्रॉन्ज मेडल
अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित अंदर-19 वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दमन की तरफ से हरियाणा के पानीपत जिले के सुमित ने मेजबान देश अमेरिका के खिलाड़ी को हराकर कांस्य पदक जीता. परिवार व कोच को सुमित के गोल्ड मेडल जीतने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन अमेरिका जाने से कुछ दिन पहले ही उसके चचेरे भाई की अचानक से मौत हो गई जिसके कारण उसके खेल में भी फर्क पड़ा. मगर उसने अपनी मां से वायदा किया है कि वह 2026 कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीतकर झोली में जरूर डालेगा.


7 साल की उम्र में शुरू की थी बॉक्सिंग
सुमित की मां रेखा ने बताया कि अमेरिका में वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता. उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग की कोचिंग पानीपत के शिवाजी स्टेडियम से 7 साल की उम्र में शुरू की थी. रेखा ने बताया कि खेलो इंडिया, एशियन चैंपियनशिप और वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड व सिल्वर मेडल जीत चुका है. उन्हों ने बताया कि अपने पिता मुकेश के साथ दमन में रहता है व दमन की तरफ से ही खेलता है. उन्होंने बताया कि 7 साल की उम्र में स्टेडियम में जाने लगा और वहीं से ही बॉक्सिंग में उसकी उसकी रुचि बनी तो सुनील कोच ने उसे कोचिंग देनी शुरू कि थी. उन्होंने बताया कि सुमित के पिता मुकेश अंतरराष्ट्रीय रेसलर चैंपियन है. 


ये भी पढ़ें: Chhath: नई दिल्ली स्टेशन पर यात्रियों के लिए खास इंतजाम, छठ को लेकर रेलवे की तैयारी


2026 में कॉमनवेल्थ गेम की पूरी तैयारी
सुमित की मां ने बताया कि सुबह 5:00 बजे उठकर स्टेडियम में जाकर अभ्यास करता था और फिर शाम को भी लगातार अभ्यास करता था. मां ने बताया कि सुमित ने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है. रेखा ने बताया कि दोनों ही पुलिस होने कारण जैसे ही समय मिलता है बेटे को अच्छा मार्गदर्शन व प्रोत्साहित करते हैं. मां ने बताया कि बेटे सुमित की तैयारी गोल्ड मेडल की थी, लेकिन अमेरिका जाने से 10 दिन पहले ही उसके चचेरे भाई कि अचानक से मौत हो गई. जिससे वह तनाव में आ गया था. उन्होंने बताया कि 2026 में कॉमनवेल्थ गेम की तैयारी कर रहा है.


मां एसएचओ और पिता सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर
कोच सुनील ने बताया कि 8 से 9 साल तक ट्रेनिंग दी थी. कोच ने बताया कि सुमित बड़ा ही मेहनती लड़का है. लगातार 8 से 9 साल ट्रेनिंग के दौरान अनुशासन में रहता था. सुनील ने कहा कि सुमित कि कामयाबी में इसके माता-पिता का बहुत बड़ा सहयोग है. सुमित के पिता अंतर्राष्ट्रीय रेसलर चैंपियन है. उन्होंने एशियन खेल में गोल्ड मेडल जीता था. सुनील ने बताया कि सुमित को गोल्ड मैडल जितने की उम्मीद थी उसने बहुत ही नजदीक बाउट में सेमीफाइनल में बॉक्सर से हारा है. खेल के दौरान उसे कुछ इंजरी भी हुई थी और घर में भी कुछ स्ट्रेस का माहौल था, जिसके कारण उसके खेल में फर्क पड़ा था. लेकिन मुझे पूरा विश्वास एक दिन ओलंपिक में जाकर गोल्ड मेडल जीतेगा. बता दें कि सुमित की मां रेखा पानीपत महिला थाने में एसएचओ व पिता दमन में सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं.


INPUT: RAKESH BHAYANA