Haryana News: हरियाणा के पूर्व CM और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में आगामी 20 जून को कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा. इस दौरान कांग्रेस द्वारा सरकार के अल्पमत में होने के चलते फ्लोर टेस्ट की मांग की जाएगी. साथ की राज्य के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा की जाएगी. इससे पहले भी कांग्रेस द्वारा फ्लोर टेस्ट की मांग की जा चुकी है. 


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हरियाणा सरकार के अल्पमत में आने के वजह


BJP-JJP गठबंधन टूटा
हरियाणा में BJP-JJP गठबंधन की सरकार थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले BJP और JJP के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बनने पर दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए 46 विधायकों का होना जरूरी है. JJP के अलग होने के बाद BJP के पास 41 विधायक बचें, 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ मिलकर सरकार बना ली. हालांकि, सियासी उठापटक में मनोहर लाल से CM पद की कुर्सी छिन गई और उनकी जगह पर नायब सैनी को प्रदेश का कमान सौंपी गई. 


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निर्दलीय विधायकों ने छोड़ा साथ
लोकसभा चुनाव के दौरान BJP को सपोर्ट करने वाले 3 निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके बाद हरियाणा सरकार अल्पमत में आ गई. 


बहुमत का आंकड़ा भी बदला
90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बहुमत के आंकड़े में भी बड़ा बदलाव हुआ है, अब हरियाणा में 90 की जगह केवल 87 विधायक ही बचे हैं. दअसल, सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया और अंबाला लोकसभा सीट की मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने अंबाला लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है. ऐसे में अब विधानसभा में कुल 87 विधायक ही बचे हैं, जिसकी वजह से बहुमत का आंकड़ा 46 से कम होकर 44 हो गया है.


दुष्यंत चौटाला ने भी की फ्लोर टेस्ट की मांग
BJP को अपना समर्थन देने वाले जेजेपी के दुष्यंत चोटाला द्वारा भी राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की जा चुकी है. इस बात से ये स्पष्ट हो गया है कि वो मौजूदा सरकार के विरोध में हैं और विपक्षी दलों के समर्थन में. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में क्या फेरबदल देखने को मिलते हैं.