Haryana Rain: किसान रोजाना की तरह मंडियों में गेहूं लेकर आ ही रहे थे, सब कुछ ठीक चल रहा था कि आज दोपहर अचानक बरसात ने किसानों के सामने फिर से परेशानी खड़ी कर दी है. अचानक हुई बरसात से गेहूं भीग गया, जिसे बचाने के लिए काफी प्रयत्न किए गए. बता दें कि करनाल की मंडियों में तिरपाल आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी, जिससे किसान काफी निराश नजर आए. उन्होंने सरकार से मांग कि मंडियों में किसानों के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कि आगे से ऐसी हर स्थिति से निपटा जा सकें.


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वहीं जिंद के खटकड़ गांव में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई. जहां किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है. वहां किसानों ने कहा है कि सरकार से उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि पहले ही किसान दोहरी मार झेल रहा है. करनाल, जिंद के साथ पंचकूला में भी बारिश में हुई. 


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करनाल की मंडी में पहुंचे किसान रिंकू ने कहा बारीश से उनका करीब 70 क्विंटल गेहूं भीग गया. बचाने के लिए तिरपाल आदि की कोई व्यवस्थान नहीं थी. कुदरत के आगे वे कुछ नहीं कर सकते. वहीं सरकार भी क्या कर सकती हैं, लेकिन सरकार को चाहिए कि मंडियों में तिरपाल आदि की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं उठान की गति काफी धीमी है.  जिसे तेज किया जाना चाहिए.


साथ ही किसान संजीव कुमार किसान ने कहा मंडियों में किसानों के लिए कोई सुविधा नहीं हैं, बरसात के चलते गेहूं भीगने से खराब हो गया. तिरपाल की व्यवस्था न होने से गेहूं को भीगने से बचाया नहीं जा सकता है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसान पहले ही कुदरत की मार को झेल रहा है. वहीं मंडियों में गेहूं को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध होने चाहिए.



Input: कमरजीत सिंह, अनुज तोमर, दिव्या राणा