Haryana Trade Union Protest: अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन के ऐतिहासिक दिवस पर करनाल में प्रदेशभर के सभी ट्रेड यूनियन के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर जिला सचिवालय परिसर के बाहर बैठे दो दिन के महापड़ाव पर और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस महापड़ाव में किसान संगठनों के कार्येकर्ता भी मौजूद रहे.


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बता दें कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर कल सुबह 11 बजे तक महापड़ाव रहेगा. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे है. मजदूर, किसान और महिला विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन, ओपीएस लागू करने, निजी कारण को समाप्त करने, ठेकाप्रथा रद्द करने समेत मांगो को लेकर ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. 


आपको बता दें कि अपनी मांगों को लेकर ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी फेडरेशन द्वारा उपायुक्त कार्यालय पर महापड़ाव डाला गया. महापड़ाव में निर्माण मजदूर, परियोजना वर्कर्स, कच्चे व पक्के कर्मचारियों ने भाग लिया. पक्की नौकरी का प्रबंध करने, निजीकरण पर रोक लगाने, 26 हजार न्यूनतम वेतन लागू करने, लेबर कोड रद्द करने जैसे मुद्दों को लेकर महापड़ाव 10 अगस्त को भी जारी रहेगा. 


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इस दौरान भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकट ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि प्रदेशभर में कर्मचारी व्यापारी, मजदूर, किसान सभी वर्ग के लोग मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान हैं. जिस प्रकार 9 अगस्त के ऐतिहासिक दिन अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन किया गया था. आज उसी की तर्ज पर मौजूदा सरकार की नीतियों से तंग आकर सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में जिला स्तर पर आंदोलन करना पड़ रहा है. आज किस आंदोलन में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली वेतनमान बढ़ाने की मांग है या फिर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग है या किसानों की एमएसपी की गारंटी के कानून की मांगो हो. इन सभी मांगों को लेकर सरकार को जगाने का प्रयास किया जा रहा है.


आशा वर्कर हेल्पर यूनियन की जिला महासचिव बिजनेस कुमारी ने कहा कि आज के इस आंदोलन में सभी ट्रेड यूनियन के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश पर भाजपा की सरकार नहीं बल्कि कारपोरेट घराने राज कर रहे हैं. इसलिए भाजपा की सरकार देश लाने के लायक नहीं है. पूरे देश में महंगाई अपने चरम सीमा पर है. कर्मचारी वर्ग अपनी मांगों को लेकर परेशान हैं. उन्होंने कहा कि सभी आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और वेतन मिलना चाहिए .


किसान मजदूर नेताओं ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है. मजदूरों, कर्मचारियों के कानूनों को बदल कर 4 लेबर कोड लागू करके मालिक परस्त बनाया जा रहा है. पुरानी पेंशन स्कीम को रद्द कर नई पेंशन नीति लागू करके कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा से वंचित किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति, नई पेंशन स्कीम को खत्म किया जाए. मजदूरों के लिए बने श्रम कानूनों को बहाल किया जाए. परिवार पहचान पत्र की बेमानी शर्तों को खत्म करके पात्र निर्माण मजदूरों की सुविधा राशि दी जाए. कच्चे कर्मचारियों को पक्के कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए. कौशल रोजगार निगम को खत्म करके पक्की भर्ती की जाए.


Input: Ajay Mehta, Karamjeet Singh