बल्लभगढ़: बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में फिर अचानक से हुई बारिश ने मौसम तो सुहाना कर दिया, लेकिन कहीं न कहीं मंडी में मौजूद आढ़तियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी. अचानक से हुई बारिश के चलते आढ़ती आनन-फानन में अपने गेहूं को बचाने के लिए इधर-उधर अपने मजदूरों से त्रिपाल से ढ़कते हुए नजर आए. 


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बता दें धीमी उठान के चलते अभी भी हजारों कट्टे मंडियों में रखे हुए हैं, जिन्हें लिफ्ट किया जाना अभी बाकी है. इस कारण से सरकार की तरफ से पेमेंट नहीं आई है और उठान होने के बाद ही किसानों को पेमेंट दी जाएगी. गेहूं लेकर मंडी आए हुए वीर प्रकाश किसान ने बताया कि बारिश बहुत बरस रही है, लेकिन बारिश होने से पहले हीअपने गेहूं को ढ़ककर लेकर आ गए थे.  उन्होंने कहा कि मंडी में बाहर पड़ा गेहूं गीला हो गया है. हालांकि जमीदार को समस्या नहीं है, लेकिन कहीं न कहीं आढ़ती को नुकसान हो रहा है, क्योंकि बल्लभगढ़ की मंडी में किसानों का कोई नुकसान नहीं हो रहा. हालांकि धीमी उठान के चलते पेमेंट जरूर लेट आ रही है.


तो वहीं मंडी में मौजूद आढ़ती नरेश ने बताया कि हमने एजेंसियों को अवगत करा दिया था कि माल की ढुलाई तेज की जाए, क्योंकि मंडी में इतनी जगह नहीं है कि सेड के नीचे गेंहू के सारे कट्टे रखे जा सके. हालांकि फिर भी हमने अपनी तरफ से कट्टों को ढ़कने की पूरी कोशिश की है. साथ ही उन्होंने सरकार से कहा कि अभी एक हफ्ते और मौसम खराब रहेगा. माल की ढुलाई जल्दी से जल्दी कराई जाए ताकि सरकार और साथ ही किसानों को कम से कम नुकसान हो.


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तो वहीं आढ़ती ललित बंसल ने बताया कि सामान व्यापारी का नुकसान है. किसान तो अपनी फसल देकर चला गया अब बारिश से जो भी नुकसान हो रहा है वह आढ़ती का हो रहा है, लेकिन कहीं न कहीं किसान का भी नुकसान है. जब तक माल नहीं उठेगा तब तक किसान की पेमेंट नहीं आएगी. किसान परेशान रहेगा, किसान को अपने आगे के काम करने हैं. वहीं धान की तैयारी करनी है, इसलिए किसान को भी पैसे की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द से जल्द उठान करवाएं और पेमेंट करवाएं. अभी भी 40% गेहूं मंडी में पड़ा हुआ है.


तो वहीं बल्लभ मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी इंद्रपाल सिंह ने बताया कि जो कट्टे बाहर रखे हैं वह हमने ढ़कवा दिए हैं. जो खुले में पड़े हुए हैं वह आढ़तियों के हैं. आढ़तियों का नुकसान है. किसान का नुकसान है. साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों की अधिकतर पेमेंट हो चुकी है. आज सुबह से 10 ट्रक लगे हैं. बारिश बंद होते ही फिर से ढुलाई शुरू हो जाएगी. अभी भी 38,000 के आसपास गेहूं के कट्टे बचे हुए हैं जिनकी ढुलाई होनी है.


Input: अमित चौधरी