Haryana Political Crisis: कौन हैं वो 6 निर्दलीय विधायक, जो अब बनेंगे हरियाणा में बीजेपी सरकार के खेवैया
Haryana Political Crisis News: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने के कगार पर है. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार सुबह इस्तीफा दे दिया. हरियाणा विधानसभा में 7 निर्दलीय विधायक हैं जो बीजेपी को सरकार बचाने में मदद कर सकते हैं.
Haryana Political Crisis Update: हरियाणा में नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में टूट की खबरें हैं. मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कैबिनेट में शामिल बीजेपी मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया. राज्य के शिक्षा मंत्री कंवर पाल का कहना है कि 'मनोहर लाल ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे'. मंगलवार सुबह बीजेपी और जेजेपी ने अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक की थी. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर तल्खी है. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास 41 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 30 और जेजेपी के पास 10. बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए. बीजेपी को सात में से 6 निर्दलीयों का समर्थन मिला हुआ है. विधानसभा में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और हरियाणा लोकहित पार्टी का भी एक-एक सदस्य है.
हरियाणा में मंगलवार को नई कैबिनेट शपथ ले सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें जेजेपी का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा. JJP नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी बैठक में बीजेपी ने कहा था कि वह जेजेपी के साथ कोई लोकसभा सीट नहीं बांटेगी.
JJP के अलग जाने से क्या बदलेगा?
90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. बीजेपी के पास 41 विधायक हैं और उसे छह निर्दलीय MLAs का भी समर्थन है. हरियाणा लोकहित पार्टी के इकलौते विधायक गोपाल कांडा भी बीजेपी को सपोर्ट करते हैं. JJP के अलग होने के बाद बीजेपी के पास 48 विधायकों का समर्थन रह जाएगा. यानी उसे सरकार चलाने में मुश्किल नहीं आएगी. विधानसभा में कांग्रेस के 30 विधायक हैं और जेजेपी के 10 विधायक. इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल से अभय चौटाला MLA हैं और एक निर्दलीय विधायक है.
कौन हैं वो 6 निर्दलीय विधायक जो बनेंगे BJP सरकार के खेवैया
नयन पाल रावत
धर्मपाल गोंदर
रणधीर सिंह गोलन
राकेश दौलताबाद
रणजीत सिंह
सोमबीर सांगवान
दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के लिए मुसीबत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, JJP हरियाणा की नई सरकार का हिस्सा नहीं होगी. हालांकि, चौटाला के लिए टेंशन की एक और वजह है. JJP के चार विधायक पाला बदल सकते हैं. दुष्यंत ने नई दिल्ली में पार्टी के सीनियर नेताओं और दसों विधायकों की बैठक बुलाई है. हालांकि, चार विधायक अब तक नहीं पहुंचे हैं. इनमें नारनौंद के MLA राम कुमार गौतम, बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग, गुहला के MLA ईश्वर सिंह और जुलना विधायक अमरजीत धंदा शामिल हैं. द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि दुष्यंत के करीबी देवेंदर सिंह बबली भी इस बगावती गुट का हिस्सा हैं.
एक दिन पहले ही दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था. गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम मनोहर लाल भी मौजूद थे. अगले 24 घंटे में ही सब कुछ बदल गया.
बीजेपी हाईकमान ने अर्जुन मुंडा और तरुण चुग को हालात संभालने के लिए सेंट्रल ऑब्जर्वर बनाकर भेजा है. मंगलवार सुबह 11 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होनी है.
निर्दलीयों के सहारे चलेगी खट्टर सरकार?
चंडीगढ़ में बीजेपी की टॉप लीडरशिप से मिलने के लिए निर्दलीय विधायक पहुंचने लगे हैं. हरियाणा लोकहित पार्टी के इकलौते विधायक गोपाल कांडा ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने शीर्ष नेतृत्व से मिलने के लिए चंडीगढ़ बुलाया है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी को हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर लड़ना चाहिए. मैं लंबे वक्त से कह रहा हूं कि बीजेपी को जेजेपी के समर्थन की जरूरत नहीं है.'
हरियाणा में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को खत्म हो रहा है. अक्टूबर में चुनाव हो सकते है.