Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में साफ दूध की सप्लाई सुनिश्चित करने में नाकामयाब रहने पर दिल्ली सरकार, एमसीडी, दिल्ली पुलिस और फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लगता है कि सरकारी अधिकारियों ने आँखे बंद कर ली है. डेयरियों में साफ सफाई हो, नियमों का पालन हो, ये सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कोई काम नहीं किया है.


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कोर्ट ने कहा कि ऑक्सिटोसिन प्रतिबंधित ड्रग है, लेकिन डेयरियों में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. अदालत ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली पुलिस  ऑक्सिटॉसिन की सेल रोकने में नाकामयाब रहती है तो वो  इसकी जांच CBI को सौंपने पर भी विचार कर सकता है.


कोर्ट में मामला क्या था?


दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट सुनैना सिब्बल और बाकी की ओर से दायर याचिका पर  सुनवाई कर रही है. इस याचिका में दिल्ली में डेयरियों में पशुओं की दयनीय हालत का जिक्र करते हुए इसके लिए ऑथोरिटी को निर्देश देने की मांग की गई थी. मार्च 2023 में हाईकोर्ट ने इसके लिये  कोर्ट कमिश्नर की नियुक्त की थी. कोर्ट कमिश्नर को राजधानी में 9 डेयरी की खस्ता हालत का निरीक्षण कर कोर्ट को रिपोर्ट देनी थी. 


दिल्ली में मिल्क डेयरियों की हालत खराब


पिछले दिनों कोर्ट में  पेश की गई कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि दिल्ली की डेयरीयों में ऑक्सीटोसिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. मवेशियों को ऑक्सीटोसिन इसलिए दिया जाता है कि ताकि वो दूध लेने को तैयार हो सके, साथ ही इनके दूध का उत्पादन  बढ़ाया जा सके.


कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में सभी 9  अधिकृत डेयरी की हालत खराब है. इनमे  ककरोला डेयरी,गोयला डेयरी,नांगली शकरावती डेयरी, झड़ौदा डेयरी ,भलस्वा डेयरी,गाजीपुर डेयरी, शाहबाद दौलतपुर डेयरी ,मदनपुर खादर डेयरी और मसूदपुर डेयरी की हालत खराब बताई है. 


लैंडफिल साइट पर चर रहे जानवर


रिपोर्ट में पशुओं की बेहद दयनीय हालत और लैंडफिल साइट के नजदीक डेयरी होने की बात भी कही गई थी. पिछ्ली सुनवाई में कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी, एमसीडी कमिश्नर, एमसीडी पशु चिकित्सा,सीईओ (DUSIB),CEO(FSSAI) से  कहा था कि वो 8 मई को होने वाली अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ें.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े आला अधिकारी


बुधवार को हुई सुनवाई में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी और बाकी अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई से जुड़े. दिल्ली हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार से कहा कि आप अपने अधिकारियों से पूछें कि उन्होंने क्या काम किया है. आखिर वह किस बात की तनख्वाह ले रहे हैं. ऑक्सीटोसिन पर बैन है, पर इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. लैंडफिल साइट के नजदीक जानवर गंदगी खा रहे हैं और इस दूध का सेवन बच्चे कर रहे है या फिर वो दूध मिठाइयों या चॉकलेट में इस्तेमाल हो रहा है.


'चीफ सेकेट्री खुद डेयरी जाकर जायजा लें'


दिल्ली हाई कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से भी कहा कि वह भी वक्त निकाल कर खुद डेयरियों  में जाएं और वहां पर जमीनी हकीकत का जायजा लें. अगर चीफ सेक्रेटरी खुद डेयरियों में जाकर हालात का जायाजा लेते है तो बाकी अधिकारी भी जाना शुरू कर देंगे.


चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब की


कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से कहा है कि वो विस्तृत रिपोर्ट दाखिल कर बताएं कि दिल्ली में डेयरियों में ज़रूरी लाइसेंस और साफ सफाई को लेकर दिशानिर्देश पर अमल सुनिश्चित करने के लिए सरकार के  पास क्या रोडमैप है. चीफ सेक्रेटरी को रिपोर्ट में यह भी बताना है कि गाजीपुर और भलस्वा में लैंडफिल साइट की नजदीक मौजूद डेयरी का दूध दूषित ना हो ,इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसके साथ ही ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए और इसके सोर्स का पता करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं इसकी जानकारी भी चीफ सेक्रेटरी को अपने रिपोर्ट में देनी है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 मई तय की है.