भिवानी: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) में स्थित राज्य का एकमात्र स्कूल सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल की बिल्डिंग मेंटेनेंस के बाद एक भी बारिश नहीं झेल पाई. रविवार को आई बारिश ने पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग के अधिकारियों की पोल खोल दी. अभी स्कूल की बिल्डिंग बोर्ड को सौंपी जानी थी कि बारिश आने के बाद बोर्ड ने इसे लेने से इनकार कर दिया. वहीं चैयरमेन ने बोर्ड परिसर में स्थित स्कूल में जाकर प्रेस वार्ता की, जबकि संबंधित अधिकारी इसे बोर्ड के जेई की कमी बता रहे हैं.


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बोर्ड स्थित सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्कूल की एक बिल्डिंग पिछले दिनों मेंटनेंस मांग रही थी. बोर्ड ने इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को 1 करोड़ 5 लाख 20 बाजार रुपये का ठेका दिया. विभाग ने मेंटेनेंस के साथ शीशे लगाने थे. पिछले साल 11 जुलाई 2021 तक बोर्ड को यह बिल्डिंग बोर्ड को सौंपी जानी थी, लेकिन नहीं सौंपी गई. अब रविवार को हुई बारिश ने सारी की सारी पोल खोल दी. बारिश का पानी छत के रास्ते कमरों में आ गया. यानी कि बिल्डिंग अभी भी कमजोर है.


बोर्ड के चैयरमेन डॉ. जंगबीर सिंह ने बताया कि कई बार पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नही दिया गया. उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग को स्कूल, बोर्ड के क्वार्टर, सड़क, चारदीवारी पर लोहे की तार लगाने का ठेका दिया गया था, लेकिन आज तक एक भी काम ठीक से नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी सरकारी कार्य को सही प्रकार से नहीं करवाकर दे पा रहे हैं.


इस पर बोर्ड के चैयरमेन ने आज मीडिया के साथ बोर्ड में स्थित स्कूल की बिल्डिंग में पहुंचे. उन्होंने मीडिया को दिखाया कि कमरों से पानी नीचे आया हुआ है. पाइप सारे के सारे बाहर लगे हुए हैं. शीशे टूटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल मेंटेनेंस का ठेका 1 करोड़ 5 लाख 20 हजार रुपये में दिया था. पीडब्ल्यूडी ने यह ठेका किसी अशोक गर्ग नामक व्यक्ति को दिया था. इसके बाद में उसने यह ठेका देवराज गर्ग को दे दिया. उन्होंने आरोप लगाए कि न तो पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी देखने आए न ही जिसको ठेका दिया था वह देखने आया.


उन्होंने बताया कि ठेकेदार की लचर कार्रवाई से स्कूल की बिल्डिंग सही प्रकार से नहीं बनी. उन्होंने कहा कि वे इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पत्र लिखेंगे. यह विभाग उपमुख्यमंत्री के पास है. उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल बोर्ड में बनीं सड़कों का है. उन्होंने बताया कि बोर्ड के क्वार्टर ठीक करने का ठेका भी दिया गया था तो क्रशर की जगह दीवारों से निकली हुई सीमेंट को ही कूटकर डाल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने काम रुकवा दिया था.


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