Biologocal Attack: दिल्ली पर अगले तीन दिनों तक बड़ी जिम्मेदारी है. भारत के लिए ये मेजबानी का मौका है तो सुरक्षा की चुनौती भी बड़ी है. जी 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, अधिकारी, उनके परिवार और सपोर्ट स्टाफ को केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडिएशन और न्यूक्लियर हमले यानी CBRN Attack से निपटने के लिए सेना ने दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में मोर्चा संभाल लिया है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बताते हैं कि कैसे बायोलॉजिकल वॉर का सामना किया जाएगा, जिसके लिए दिल्ली में तमाम तैयारियां की गई हैं और निपटने के लिए भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. आर्मी के डॉक्टरों को दिल्ली के तीन बड़े में तैनात कर दिया गया है. 


AIIMS: एम्स में रेडिएशन हमले से निपटने की तैयारी की गई है, कमान आर्मी के डॉक्टरों के पास है.  


Safdarjung Hospital: सफदरजंग अस्पताल केमिकल हमले से निपटने के लिए तैयारी की गई है. 


Ram Manohar Lohia: राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों को बायोलॉजिकल डिजास्टर से निपटने के लिए तैयार किया गया है.


वहीं न्यूक्लियर अटैक के लिए आर्मी के आर एंड आर (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया है. 


ये भी पढ़ें: Delhi Weather: ये है साल का सबसे गर्म महीना, 85 साल का तोड़ा रिकॉर्ड, दिल्ली में गर्मी ने छुड़ाए लोगों के पसीने


 


बता दें कि तीनों अस्पतालों के डॉक्टरों को CBRN Attack से निपटने की ट्रेनिंग दी गई है, लेकिन सबसे पहले सेना के ट्रेंड डॉक्टर ऐसे मरीज को हैंडल करेंगे. बायोलॉजिकल हमले की सूरत में मरीज को पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital) के गेट नंबर 4 से लाया जाएगा. यहां आर्मी की तैनाती हो चुकी है. ये एरिया आइसोलेट कर दिया जाएगा.  


राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मीडिया सेल के चेयरमैन डॉ शैलेश कुमार ने बताया कि बायोलॉजिकल अटैक का शिकार होने पर  मरीज को डिकॉन्टेमिनेट करने का काम सेना के डॉक्टर करेंगे.  मरीज को पहले मुल्तानी मिट्टी भरे एक ड्रम में डाला जाएगा. उसके कपड़ों को हटाया जाएगा, फिर उसे केमिकल बाथ के लिए शावर एरिया में ले जाया जाएगा. इसके बाद मरीज को साधारण पानी से शावर लेना होगा. फिर उसे ब्लीचिंग एरिया में ले जाया जाएगा. इसके बाद उसे अस्पताल के डॉक्टरों को सौंपा जाएगा जो उसे आइसोलेशन रुम में ले जाएंगे. 


दिल्ली के राम मनोहर मनोहर लोहिया अस्पताल में 10 आइसोलेशन रुम रखे गए हैं. एम्स, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आर्मी के डॉक्टर 6 सितंबर से 13 सितंबर तक तैनात रहेंगे. G-20 डेलीगेट्स के लिए बाकी एमरजेंसी से निपटने के लिए अस्पतालों में रास्ते अलग कर दिए गए हैं. ये गेट्स साधारण कैजुअल्टी जैसे एक्सीडेंट्स या साधारण बीमारियों के लिए रहेगा.