Hisar News: हिसार के बिचपड़ी गांव के रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह के सुसाइड मामले में ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की. इसी को लेकर लोगों ने हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक जक्का जाम कर दिया.
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हिसार: हिसार के बिचपड़ी गांव के रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह के सुसाइड मामले में ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे को जाम कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक रेलवे पुलिस के उच्च अधिकारी और सभी आरोपी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वे जाम नहीं खोलेंगे. इसके साथ ही ग्रामीणों ने मृतक रघुबीर का दाह संस्कार नहीं करने का ऐलान किया है.
बता दें कि रघुबीर सिंह रेलवे में इंस्पेक्टर थे और 31 जनवरी 2023 को रिटायर हुए थे. शुक्रवार को उन्होंने हिसार में रेल के आगे कूदकर सुसाइड किया था. शव के पास मिले सुसाइड नोट में रेलवे पुलिस के उच्च अधिकारी समेत 6 लोगों के नाम लिखे हुए हैं. रघुबीर के परिजनों ने कल पोस्टमार्टम के बाद उसका शव नहीं उठाया और कहा कि जब तक रेलवे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होता, तब तक वे दाह संस्कार नहीं करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह ने शुक्रवार को सुसाइड किया था और नोट में लिखा कि उसके विभाग के दो कर्मचारियों ने उसके गांव के सुखबीर और मांगीलाल से रिश्वत कै पैसे खाए थे. जो कि उसने दोनों को वापस दिलवा दिए. इसी बात को लेकर दोनों उससे रंजिश रखते थे. 13 जुलाई 2022 को रेलवे के दो पुलिस कर्मचारियों ने एक झूठी रिपोर्ट करवाई. इसे 14 जुलाई को फॉरवर्ड करवा दिया. 10 अगस्त 2022 को उसका चंडीगढ़ तबादला कर दिया. इसके बाद पांच महीने बाद वह वापस हिसार आ गया.
करीब पांच महीने बाद 13 जनवरी 2023 को उसकी विभागीय जांच करवा दी. जबकि वह रिटायरमेंट के नजदीक था. इसी दौरान उसने एक गुमनाम चिट्ठी हरियाणा के होम मिनिस्टर और डीजीपी को भेज दी, क्योंकि रेलवे ने एक जाति विशेष के लोगों को ही उच्च पदों पर लगाया था. इसके बाद उसने एक गुमनाम चिट्ठी अपनी साली के लड़के से भिजवा दी, जिसके बाद रेलवे पुलिस के अधिकारी ने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्द का मामला दर्ज करवा दिया, जो कि झूठा था. इसके बाद उसे लगातार प्रताड़ित किया गया. इसलिए मेरी मौत का जिम्मेदार रेलवे विभाग के उच्च अधिकारी सहित करीब 6 कर्मचारी हैं.
इसी मामले को लेकर आज सुबह पहले ग्रामीणों ने 14 गांवों की पंचायत बुलाई. हिसार पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों के रुख को देखते हुए डीएसपी कप्तान सिंह व एसडीएम अश्वीर नैन को बातचीत के लिए भेजा. प्रशासनिक अधिकारी, ग्रामीणों और परिजनों से बातचीत की गई, लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद ग्रामीणों ने आज चक्का जामकर दिया. प्रशासनिक अधिकारियों ने मीटिंग के बाद हाथ खड़े कर दिए है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. क्योंकि मामला रेलवे का है और इसलिए हम इस पर कारवाई नहीं कर सकते. अधिकारियों ने कहा कि जांच बैठा देंगे, जो दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. ग्रामीणों ने कहा कि उनका फैसला यही है कि सभी के खिलाफ केस दर्ज हो.