Nishant Malik martyred: हांसी स्थित गांव ढंढेरी के रहने वाले निशांत मलिक ने दो साल पहले आर्मी ज्वाइन की थी पर रक्षाबंधन पर उनके शहीद होने की खबर परिवार को मिली. निशांत देश की रक्षा करते हुए जम्मू कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए.
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रोहित कुमार/ हिसार : रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के दिन भारतीय सैन्य कैंप पर हुए आतंकी हमले में हिसार (Hisar) जिले के निशांत मलिक भी शहीद हुए है. यह सूचना जब हांसी (Hansi) स्थित उनके गांव ढंढेरी पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई. 21 वर्षीय निशांत मलिक (Nishant Malik) 2 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे. फिलहाल उनकी पोस्टिंग सिपाही के पद पर पूंछ राजौरी (जम्मू कश्मीर) में थी.
निशांत मलिक (Nishant Malik) तीन बहनों के इकलौते भाई थे और सबसे छोटे थे. निशांत के पिता जयबीर सिंह कारगिल युद्ध के गवाह बने थे और उन्हें भी गोली लगी थी. पिछले माह ही निशांत ने बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दी थी. वह 18 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टियां खत्म कर यूनिट वापस पहुंचे थे.
रक्षाबंधन से एक दिन पहले ही निशांत ने वीडियो कॉल करके घर वालों से बात की थी. गुरुवार को जब उनकी बहन ने रक्षाबंधन के दिन सुबह फोन मिलाया तो कॉल रिसीव नहीं हो पाई. कुछ देर बाद उनके शहीद होने की सूचना उनके पिता के पास पहुंची. परिवार ने बताया कि आतंकियों ने घात लगाकर सेना की टुकड़ी पर हमला किया, जिसमें निशांत शहीद हो गया.
निशांत के पिता जयवीर सिंह मलिक ने बताया कि उनकी 2 बेटियां शादीशुदा हैं. तीसरी बेटी की शादी तय थी. निशांत यूनिट में लौटते वक्त अपनी बहन की शादी के लिए FD करवाकर गया था. वह बहन को गाड़ी देना चाहता था. उधर, निशांत मलिक के शहीद होने की सूचना से हर कोई दुखी है. हांसी के विधायक विनोद भयाना के साथ कांग्रेस नेता प्रेम मलिक और समाजसेवी बजरंग बंसल समेत क्षेत्र के कई गण्यमान्य लोगों ने शहीद के परिजनों को संबल प्रदान किया.