नई दिल्ली: एकीकरण के बाद दिल्ली एमसीडी का चुनाव हो गया है. आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है. हालांकि अभी तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है. इस बीच दिल्ली नगर निगम का पहला बजट जारी हो गया है. निगम ने अगले साल दिल्ली पर करीब 16023 करोड़ रुपये खर्च का बजट पेश किया है. बजट में सफाई, सामान्य प्रशासन और शिक्षा पर सर्वाधिक खर्च होगा. इसके बाद लोक निर्माण कार्य व स्ट्रीट लाइट और जन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं पर खर्च किया जाएगा. 


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पिछली बार एमसीडी ने मौजूदा साल के बजट में करीब 15276 करोड़ रुपये आय प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया था. जिसे इस बार बढ़ाकर 15523 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है. यानी निगम ने अगले साल के बजट को मौजूदा साल के बजट से करीब 747 करोड़ बढ़ाया है. हालांकि निगम का बजट दिसंबर के पहले हफ्ते में आना था, लेकिन चुनावी आचार संहिता के कारण इस पर रोक लगी थी. बीते दिन रोक हटते ही निगम आयुक्त ने बजट जारी कर दिया. अब निगम में सत्ता में आम आदमी पार्टी का नेतृत्व है, जो संभव है कि इसमें फेरबदल करे. बजट का आखिरी स्वरूप मेयर की अध्यक्षता में सदन में पास किया जाएगा. फिर निगम आयुक्त इस बजट को लागू कराएंगे.


बजट में सालाना ग्रांट करीब 4250 करोड़ रुपये, कर के रूप में करीब 8286 करोड़ रुपये, फीस व जुर्माने से करीब 903 करोड़ रुपये, विज्ञापन से आय, विकास क्षतिपूर्ति प्रभार व अन्य प्राप्तियों से करीब 11273 करोड़ रुपये अर्जित करने का अनुमान निगम ने लगाया गया है. निगम इस बार सफाई पर सर्वाधिक करीब 4465 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में है. जबकि सामान्य प्रशासनिक कार्यों पर 3335 करोड़, शिक्षा पर 2847 करोड़, लोकनिर्माण कार्यों पर करीब 1820 करोड़ और जनस्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं पर 1719 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना निगम की है.


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दिल्ली नगर निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बताया कि सफाई व्यवस्था सुधारने और हरियाली बढ़ाने पर जोर दिया गया. इसमें निगम कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. वित्तीय चुनौतियों के बाद भी निगम ने पार्कों में हरियाली बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में वन टाइम संपत्तिकर आम माफी योजना समृद्धि से आवासीय व व्यावसायिक संपत्ति मालिकों के लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिली है. इसे आगे भी जारी रखेंगे. 


आयुक्त ने कहा कि जन सहयोग के माध्यम से सभी 12 जोन की 49 कॉलोनियों और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी और 35 कॉलोनियों व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को हरित मित्र बनाया गया है. इन कॉलोनियों को संपत्तिकर में 5 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जा रही है. कर्मचारियों को वेतन समय पर देने का जोर है. इसके अलावा इंदौर की तर्ज पर कूड़े से बिजली बनाई जाएगी. इसके लिए तेहखंड में 25 मेगावाट का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तैयार किया गया है. 2000 मीट्रिक टन कूड़े की क्षमता वाले इस संयंत्र से ग्रीन एनर्जी बनेगी. 


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