राज्यसभा सदस्य डॉ. सुभाष चंद्रा बोले-नई तकनीक पुरानी की जगह नहीं ले सकती, चलती हैं दोनों समानांतर
Advertisement

राज्यसभा सदस्य डॉ. सुभाष चंद्रा बोले-नई तकनीक पुरानी की जगह नहीं ले सकती, चलती हैं दोनों समानांतर

राज्य सभा सदस्य और Zee Media के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने आज IIIT हैदराबाद में सेमिनार में छात्रों से संवाद किया. इस दौरान उन्होंने तकनीक पर बात करते हुए कहा, ‘टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता है. इसके लिए जरूरी है कि पहले इंसान को समझा जाए.

राज्यसभा सदस्य डॉ. सुभाष चंद्रा

नई दिल्ली : राज्य सभा सदस्य और Zee Media के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने आज IIIT हैदराबाद में सेमिनार में छात्रों से संवाद किया. इस दौरान उन्होंने तकनीक पर बात करते हुए कहा, ‘टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता है. इसके लिए जरूरी है कि पहले इंसान को समझा जाए. वेदों में कहा गया है कि मनुष्य तीन दशाओं में रहता है. पहली- जागृत अवस्था, दूसरी- सपने देखने की अवस्था और तीसरी अवस्था वह होती है, जिसमें वह सोता है. तीसरी अवस्था में वह मृत शरीर की तरह होता है.

Zee Media के संस्थापक ने कहा, 1990 के दशक में जब हमने Zee TV शुरू किया था, तब टेक्नोलॉजी में आमूलचूल परिवर्तन हो गया था. उन्होंने कहा, जिस तरह से अच्छाई और बुराई एक साथ चलती हैं, उसी तरह से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी अच्छे और बुरे कामों के लिए हो सकता है. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए होगा तो बुरे काम भी टेक्नोलॉजी की मदद से किए जाएंगे. 

डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा, टेक्नोलॉजी किस तरह से बदल रही है, उसका उदाहरण मैंने चार हफ्ते पहले देखा. इजरायल की एक कंपनी ने दुबई में प्रजेंटेशन दिया, जिसमें वह इंसान की आयु को रोकने पर प्रयोग कर रही है. यानी व्यक्ति बूढ़ा नहीं होगा. प्रयोग से ऐसी संभावनाएं पैदा करने की कोशिश हो रही है. 

उन्होंने OTT के भविष्य के बारे में बात करते हुए कहा, इसे कहा ही Over the Top जाता है. बदलते परिवेश के बावजूद टीवी चैनलों की जड़ें अभी मजबूत हैं और उनके कंटेंट को पहले के मुकाबले ज्यादा देखा जाता है यानी OTT डिस्ट्रिब्यूशन का एक नया माध्यम है. इसलिए इसके आने के बाद पुरानी चीजों का क्या होगा? इस प्रश्न के जवाब में कहा जा सकता है कि टेक्नोलॉजी के कारण रूप का परिवर्तन जरूर हो रहा है, लेकिन चीजें समानांतर चलती रहेंगी.

WATCH LIVE TV 

डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा, भविष्य में ओटीटी और थिएटर एक साथ चलेंगे. ओटीटी एक अतिरिक्त सुविधा के साथ आया है, जिसमें कंटेंट को कंट्रोल किया जा सकता है. एक समय था जब वीसीआर पर फिल्में देखते थे, अब हम ओटीटी पर फिल्में देखते हैं. टेक्नोलॉजी की मदद से नए विचारों का सृजन हो सकता है. आज डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. उम्र कम करने की तकनीक भी उपलब्ध हो रही है. तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं.

उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता है. इसके लिए इंसान को समझना जरूरी है. तकनीक में बदलाव होता रहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि नई तकनीक पुरानी की जगह ले लेगी, बल्कि दोनों समानांतर चलती हैं.

Trending news