Delhi News: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनके साथ किये गए दुर्व्यवहार की उच्चतम न्यायालय में शिकायत की. इस दौरान इमरान खान ने भारत में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने का उदाहरण दिया. 


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बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश में संशोधन से जुड़े एक मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष पेश हुए. उन्होंने अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद से उन्हें प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की.


जस्टिस अमीनुद्दीन खान, जस्टिस जमाल खान मंदोखेल, जस्टिस अतहर मिनाल्ला और जस्टिस सैयद हसन अजहर रिजवी पीठ में शामिल हैं. सुनवाई के दौरान मिनाल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खान जेल में हैं. वह एक बड़ी पार्टी के प्रमुख हैं, जिसके लाखों समर्थक हैं.


इमरान खान ने उल्लेख किया कि भारत में आम चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वहां के उच्चतम न्यायालय ने जमानत पर रिहा किया था, ताकि वह अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें, लेकिन वह पाकिस्तान में अत्याचार का सामना कर रहे हैं. अघोषित मार्शल लॉ लगा हुआ है. खान ने शिकायत की कि आठ फरवरी को हुए पाकिस्तान के आम चुनाव से दूर रखने के लिए पांच दिन के अंदर ही उन्हें दोषी करार दे दिया गया. 


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पूर्व प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की शीर्ष अदालत के उस आदेश को लेकर भी नाखुशी जताई, जिसमें मामले की 'लाइव स्ट्रीमिंग' करने की खैबर पख्तूनख्वा सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया गया था. खान ने प्रधान न्यायाधीश से कहा कि आपने फैसले में लिखा कि मैंने पिछली सुनवाई के दौरान राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की. मुझे समझ में नहीं आया कि मैंने क्या राजनीतिक फायदा उठाया. इस पर, प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि फैसले पर न्यायाधीश किसी को स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य नहीं है. आप फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर कर सकते हैं.


न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री से अदालत के समक्ष केवल लंबित मामलों पर ही बोलने को कहा. खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के लिए अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए. उन्होंने कहा, जब विपक्ष और सरकार ब्यूरो के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए किसी नाम पर सर्वसम्मति बनाने में नाकाम हो गई तब एक तीसरा व्यक्ति निर्णय ले रहा है. भ्रष्टाचाररोधी संस्था इसी व्यक्ति के तहत काम कर रही है. इस पर न्यायमूर्ति मिनाल्ला ने कि एनएबी में संशोधनों को अवैध करार देने की कोई वजह नहीं है. 


इस पर इमरान खान ने कहा कि वह एनएबी की जांच का सामना कर रहे हैं और एनएबी में सुधार की अपील की. उन्होंने अदालत से जेल में उन्हें दी गई सुविधाओं की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दी गई सुविधाओं से करने का आग्रह किया. हालांकि, न्यायमूर्ति मंदोखेल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि नवाज शरीफ इस वक्त जेल में नहीं हैं. क्या आप हमसे चाहते हैं कि हम उन्हें जेल भेज दें? प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालत न्यायिक अधिकारी के औचक दौरे की व्यवस्था करेगा.