Delhi : माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. पूर्णिमा ने बताया कि टोमेटो फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, जो 10 साल से छोटे बच्चों में देखने को मिल रही है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इसका इलाज किया जा सकता है.
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सचिन/ नई दिल्ली : कोरोना और मंकीपॉक्स के बाद बच्चों पर टोमेटो फीवर (Tomato Fever) का खतरा मंडराने लगा है. पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित मदर्स ग्लोबल स्कूल (Mothers Global School) में बच्चों के टोमेटो फीवर का मामला सामने आया है. इस मामले में स्कूल प्रशासन ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.
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पिछले 3 दिनों से मदर्स ग्लोबल स्कूल के क्लास 3 के 2 बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे, जिसके बाद पेरेंट्स से पता चला कि बच्चों को हैंड फुट और माउथ डिसीज हुआ है. इसी बीमारी को टोमेटो फीवर (Tomato Fever) भी कहते हैं.एहतियात के तौर पर जिस क्लास के बच्चों को ये बीमारी हुई है, उस क्लास के सेक्शन को बंद कर दिया है और ऑनलाइन क्लास दी जा रही है. स्कूल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल को सेनिटाइज भी किया गया है.
बीमारी के बारे में कैलाश दीपक अस्पताल के बाल विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत यादव ने बताया कि इस बीमारी में बच्चों को तेज बुखार के साथ हाथ पैर में दर्द और शरीर पर हल्के चकत्ते हो जाते हैं. इसका इलाज सिमटोमेटिक तरीके जैसे बुखार और मुंह के छाले के इलाज की तरह किया जाता है.
माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ. पूर्णिमा ने बताया कि टोमेटो फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, जो 10 साल से छोटे बच्चों में देखने को मिल रही है. डॉ. पूर्णिमा ने बताया कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है. इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन ध्यान देना जरूरी है क्योंकि ये संक्रामक बीमारी है. ऐसे में जिन बच्चों को यह बीमारी हो, उन्हें घर में आइसोलेट (थोड़ा अलग रखने की जरूरत ) करने की जरूरत है. अगर इसका कोई लक्षण दिखाई दे तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.