Bhiwani News: आपातकाल- लोकतंत्र की हत्या के विरोध में BJP ने मनाया काला दिवस, पीड़ितों ने बताई आपबीती
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. उस दौरान विपक्ष के नेताओं एवं नागरिकों को जेलों में भर दिया गया था. इसी के विरोध में हर साल 25 जून को देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा काला दिवस मनाया जाता है.
Bhiwani News: 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. उस दौरान विपक्ष के नेताओं एवं नागरिकों को जेलों में भर दिया गया था. इसी के विरोध में हर साल 25 जून को देशभर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा काला दिवस मनाया जाता है. इसी कड़ी में आज बीजेपी ने लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाया गया और आपातकाल के दौरान यातनाएं सहने वाले लोगों को स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में शॉल और पुष्प भेंटकर सम्मानित भी किया. काला दिवस कार्यक्रम के तहत आपातकाल के दौरान प्रताड़ना सहने वाले पत्रकार श्रीभगवान वशिष्ठ, कामरेड बलबीर शर्मा, अधिवक्ता जितेंद्र तंवर, महावीर सिंह फूलपुरा, अशोक कुमार, विशालजीत को सम्मानित किया.
इस मौके पर परिवार पहचान पत्र के हरियाणा के कोर्डिनेटर सतीश खोला ने कहा कि 25 जून को भारत के इतिहास में लोकतंत्र की हत्या का दिन गिना जाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 25 जून की रात को केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी. साथ ही संविधान का गला गोट दिया था. आपातकालीन लगाने के बाद राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य को जेल में डाल दिया.
खोला ने कहा कि सिर्फ भाजपा की सरकार ही आम नागरिकों के हितों व अधिकारों की सही तरह से देखभाल करती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एओ ह्यूम द्वारा बनाई गई पार्टी है, जिसका भारत के संविधान व संस्कृति से कोई लेना-देना व जानकारी नहीं है. ऐसे में कांग्रेस भारत के नागरिकों की रक्षा नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि भाजपा में नागरिकों को पूरा मान-सम्मान मिलता है, जबकि कांग्रेस में आम आदमी को सिर्फ दर्द ही मिलता है. ऐसे में लोगों को दुख-दर्द देने वाली कांग्रेस जैसी पार्टियों का जनता को पूर्ण बहिष्कार करना चाहिए.
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इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष मुकेश गौड ने कहा कि संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने 25 जून 1975 को सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थौंपकर लोगों को जेल में भरने का काम किया था. अनेक लोगों को प्रताड़ित किया गया. इस आपातकाल के शिकार पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी थे, जिनको बुरी तरह से प्रताड़ित करते हुए उनके शरीर पर सिगरेट बुझाई गई, जिसके निशान आज भी उनके शरीर पर है. इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष व राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शंकर धूपड़, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नंदराम धानिया, कमलेश भोडूका, विजय शेखावत ने कहा कि इस काले दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि कांग्रेस के खिलाफ आमजन द्वारा लड़ी गई लड़ाई की गाथा को ब्यां करना है.
इस मौके पर नागरिक श्रीभगवान वशिष्ठ ने कहा कि आपातकाल के दौरान स्थिति बहुत ही भयावह व दर्दनांक रही थी. जहां पर लोगों की आजादी छीनकर उन्हें अपने ही घरों में कैद कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि आपातकाल की वह घटना इतिहास की सबसे बुरी घटनाओं में से एक है.
INPUT: NAVEEN SHARMA
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