H3N2 Influenza Virus Case in India: भारत में H3N2 वायरस की वजह से कुछ मौतों के मामले सामने आए हैं. उसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वायरल बुखार भी जानलेवा साबित हो सकता है. कर्नाटक के बेंगलुरु में जिस व्यक्ति की मौत हुई उसकी उम्र 82 वर्ष थी. डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे लोग जिनकी उम्र ज्यादा है, जिन्हें कोई पुरानी बीमारी है. जैसे दिल के मरीज, किडनी की बीमारी या फिर कंट्रोल से बाहर डायबिटीज या किसी और प्रकार के ऐसी बीमारी, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो. ऐसे लोगों को h3n2 से सावधान रहने की जरूरत है.


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क्या वैक्सीन देगी सुरक्षाः- कोरोना की वैक्सीन कुछ हद तक h3n2 से तो सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन h3n2 के लिए flu vaccine लगाने की सलाह दी जा रही है.


20 दिनों में घट सकते हैं मामलेः- हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि 15 से 20 दिन में इस वायरस का प्रकोप कम हो सकता है. जब मौसम में हो रहा अचानक बदलाव थम जाएगा.


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बचाव और टेस्टः- मास्क और सैनिटाइजर लगाने h32 वायरस से बचाव हो सकता है. इस बीमारी का टेस्ट भी वैसे ही किया जाता है जैसे कोरोनावायरस टेस्ट का किया जाता है. नाक और गले से इसका सैंपल लिया जाता है.


क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव


1. H3N2 वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों को खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घबराहट जैसी शिकायत हो सकती है.


2. इस वायरस से संक्रमित मरीजों के गले में खराश, शरीर में दर्द, दस्त की शिकायत हो सकती है. ये लक्षण लंबे समय तक  रह सकते हैं.


3. नियमित रुप से हाथ धोएं और बाहर निकलते वक्त मास्क लगाना न भूले.


4. आंख, नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल के सेवन करें.


5. कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्क, बुजुर्ग और छोटे बच्चों में ये ज्यादा घातक हो सकता है.


(इनपुटः ऋषभ गोयल)