Govindpuri News: झुग्गी के बदले मिले फ्लैट छह माह बाद ही हुए जर्जर, अधिकारियों की अनदेखी से लोग परेशान
झुग्गीवासियों को अपनी छत मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जहां झुग्गी वहां मकान योजना शुरू की थी. एक ओर दिल्ली के झुग्गीवासियों के लिए सरकार का यह प्रयास बदस्तूर जारी है, लेकिन योजना के तहत गोविंदपुरी इलाके में डीडीए द्वारा बनाए गए फ्लैट में महज 6 महीने में ही दरारें आ गई हैं.
नई दिल्ली: झुग्गीवासियों को अपनी छत मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जहां झुग्गी वहां मकान योजना शुरू की थी. एक ओर दिल्ली के झुग्गीवासियों के लिए सरकार का यह प्रयास बदस्तूर जारी है, लेकिन योजना के तहत गोविंदपुरी इलाके में डीडीए द्वारा बनाए गए फ्लैट में महज 6 महीने में ही दरारें आ गई हैं. वहां रहने वाले लोग फ्लैट में आई सीलन से परेशान हैं. उनके चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही है.
एक फ्लैट में रहने वाली प्रमिला देवी बताती हैं कि उन्हें सरकार के द्वारा पहले दो झुग्गी के बदले एक फ्लैट आवंटित किया गया है, इसके बावजूद हमने संतोष कर लिया. हम रहने आ गए, मगर अब इस फ्लैट में जगह-जगह सीलन की शिकायत आ रही है. एक कोठी में घरेलू नौकरानी का काम करने वाली महिला ने बताया कि सीलन की वजह से फ्लैट के अंदर जगह-जगह प्लास्टर दीवारों से झड़ रहा है. नल से पानी टपकता रहता है. बाथरूम में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से बहुत परेशानी हो रही है. महिला ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत मेंटेनेंस डिपार्टमेंट से भी की मगर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
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बच्चों के साथ न रह पाने का दर्द
फ्लैट के मालिक रामजतन बताते हैं कि उन्हें केंद्र सरकार के द्वारा बहुत छोटा सा फ्लैट दिया गया है, जिसमें सिर्फ हम दो पति पत्नी ही रह सकते हैं. हमारे बच्चे इसमें नहीं रह सकते. फिर भी हम लोगों ने संतोष कर लिया मगर जिस तरह दीवारों में सीलन और नल से पानी टपक रहा, इससे हम लोग काफी परेशान हैं.
दरअसल दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने झुग्गी में रहने वाले लोगों को झुग्गी के बदले फ्लैट देने की घोषणा की थी. जहां झुग्गी, वहां मकान योजना के तहत दिल्ली में फ्लैट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. चुनाव खत्म होने के बाद लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए. अब वहां रह रहे लोग घरों में आई सीलन से तंग आ चुके हैं. फ्लैट का मेंटेनेंस कार्य भी डीडीए को ही करना है मगर शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.