नेपाल में रिश्वतखोर अधिकारी की गिरफ्तारी की वजह से पाकिस्तान नहीं भाग पाया था नौशाद
जहांगीरपुरी से पकड़े गए दो आंतकियों से पूछताछ में लगातार खुलासे हो रहे हैं. स्पेशल सेल की पूछताछ में संदिग्ध नौशाद ने पाकिस्तानी हैंडलरों-असफाक और सुहैल से लगातार निर्देश मिलने की बात कही है.
नई दिल्ली: जहांगीरपुरी से पकड़े गए दो आंतकियों से पूछताछ में लगातार खुलासे हो रहे हैं. स्पेशल सेल की पूछताछ में संदिग्ध नौशाद ने पाकिस्तानी हैंडलरों-असफाक और सुहैल से लगातार निर्देश मिलने की बात कही है. असफाक उर्फ आरिफ आतंकी संगठन LeT का खास सदस्य है.
आरिफ ने ही नौशाद की एक और पाकिस्तानी आतंकवादी सुहैल से मुलाकात करवाई थी. सुहैल भी आतंकी संगठन LeT का सदस्य है, जो इस वक्त पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा है. सुहैल ने ही पंजाब के कुछ बड़े लीडरों को टारगेट करने का प्लान तैयार करके दिया था.
नौशाद ने बताया कि जब वो जेल में बंद था, तब उसकी मुलाकात आतंकी संगठन हरकत उल अंसार के आतंकी नदीम से हुई थी. पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद नदीम ने नौशाद को हरकत उल अंसार संगठन में शामिल कर लिया था. हत्या के आरोप में बंद नौशाद 25 साल के बाद 2018 में जेल से रिहा हुआ था और उसके बाद से ही उसने पाकिस्तानी आतंकी सुहैल के इशारे पर काम करना शुरू कर दिया.
2019 में दो बार गया था नेपाल
साल 2019 में नौशाद दो बार नेपाल भी गया था, ताकि वो नेपाल से पाकिस्तान जाने का रास्ता तलाश सके, लेकिन जिस नेपाली अधिकारी के जरिये वो अपना नेपाली पासपोर्ट बनवा रहा था, वह अधिकारी रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार हो गया और वो पाकिस्तान भागने में कामयाब नहीं हो पाया.