बच्चा अपनी पूरी कोशिश करता रहा ताकि वो पानी के तेज़ बहाव में न बह जाए तो वही उसकी मां ने भी हार नहीं मानी और कुछ देर की मशक्कत के बाद मादा हाथी ने अपने शावक को पानी के तेज़ धार से बचा ही लिया. दोनों नदी के किनारे पर पहुंच गए.
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केटी अल्फी/नई दिल्ली: मां एक ऐसा शब्द है जिसके उच्चारण के साथ ही अंतर्मन में ऐसी भावना जाग्रत होती है जो करुणा, कोमलता और दया की भावना से ओत-प्रोत होती है, यही वो शब्द है जो हर शिशु जन्म लेने के पश्चात सर्वप्रथम बोलता है. मां केवल बच्चे को जन्म नहीं देती बल्कि ताउम्र उसका ख्याल रखती है. लालन-पालन में कोई कमी नहीं रखती है. सुख में मां भले ही साथ न हो लेकिन अगर बच्चे पर किसी तरह की विपत्ती आती है तो उसके सामने मां ही खड़ी होती है.
एक कहावत हम-आप बचपन से सुनते आ रहे है कि मां तो मां होती है. ये बात केवल इंसानों पर लागू नहीं होती बल्कि जानवरों पर भी लागू होती है. इस दुनिया में सबसे बड़ी मां होती है क्योंकि वो कभी अपने बच्चों का बाल भी बांका नहीं होने देती. किसी भी बड़े से बड़े खतरे को मां अपने बच्चों को बचाने के लिए मोल लेती है. इसे इसी चीज से समझा जा सकता है कि जब एक मादा हाथी अपने बच्चे को बचाने के लिए तेज धार में घुस जाती है और जान की परवाह के बिना जिगर के टुकड़े को बचा लाती है.
जलपाईगुड़ी का यह वीडियो एक मां के साहस, समर्पण का एक उदाहरण है. दरअसल, डोर्स नदी को हाथियों का एक झुंड पार कर रहा था, इस झुंड में एक छोटा-सा शावक भी था. प्यारा सा दिखने वाला यह शावक. उसकी उम्र महीने भर की भी नहीं होगी शायद. यहा नदी की तेज़ धारा में फंस गया. पहाड़ों से तेज आता पानी का बहाव तेज होने लगा. उस शावक के पीछे उसकी मां भी आ रही थी. बाकी सारे हाथी तो नदी को पार के निकल गए, लेकिन यह मादा हाथी और उसका शावक दोनों तेज धार फंस गए.
बच्चा अपनी पूरी कोशिश करता रहा ताकि वो पानी के तेज़ बहाव में न बह जाए तो वही उसकी मां ने भी हार नहीं मानी और कुछ देर की मशक्कत के बाद मादा हाथी ने अपने शावक को पानी के तेज़ धार से बचा ही लिया. दोनों नदी के किनारे पर पहुंच गए. इस नज़ारे को वहां पर मौजूद लोगों ने देखा और अपने-अपने मोबाइल में इस पल को कैद कर लिया.
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