Jhajjar News: बजरंग पूनिया को कुश्ती अकादमी बनाने के लिए जमीन देने पर बवाल, सरपंच पर ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप
Jhajjar News: झज्जर जिले के गांव भापड़ौदा में ग्राम पंचायत द्वारा बजरंग पूनिया को कुश्ती अकेडमी बनाने के लिए दी गई चार एकड़ जमीन विवादों के घेरे में आ गई है. ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधि प्रमोद पर बजरंग पूनिया से अपने व्यक्तिगत संबंधों के चलते इस जमीन को देने का आरोप लगाया है.
Jhajjar News: एक तरफ जहां पहलवान बजरंग पूनिया अपने साथी खिलाड़ियों के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और BJP सांसद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर हैं. वहीं दूसरी तरफ झज्जर जिले के गांव भापड़ौदा में ग्राम पंचायत द्वारा कुश्ती अकेडमी बनाने के लिए दी गई चार एकड़ जमीन विवादों के घेरे में आ गई है. ग्रामीणों द्वारा इस प्रस्ताव को रद्द कराने और मामले की जांच कराने की मांग की जा रही है.
क्या है पूरा मामला
इसी साल जनवरी माह में ग्राम पंचायत भापड़ौदा ने बकायदा प्रस्ताव पारित कर गांव की शामलात भूमि में से चार एकड़ जमीन बजरंग पूनिया को दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया था. हांलाकि, अभी इस पर कानूनी रूप से मुहर नहीं लगी है,लेकिन अब पूनिया को दी गई इसी जमीन पर विवाद शुरू हो गया है. मामला गांव के लोगों के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाया और मामले की जांच कराने और प्रस्ताव को रद्द किए जाने की मांग की ग्रामीणों का तर्क है कि गांव में कई नेशनल और अर्जुन अवार्ड पाने वाले खिलाड़ी हैं. ऐसे में ग्राम पंचायत अगर कुश्ती अकेडमी बनाने के लिए जमीन देना चाहती है तो वह गांव के खिलाड़ी की जगह किसी बाहर के खिलाड़ी को क्यों?
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के सरपंच प्रतिनिधि प्रमोद ने बजरंग पूनिया से अपने व्यक्तिगत संबंधों के चलते इस जमीन को दिए जाने का फैसला किया है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जो जमीन बजरंग पूनिया को दी जा रही है वह उपजाऊ भूमि होने के साथ-साथ एससी वर्ग के लिए पट्टे पर दी जाती रही है. ऐसा होने से एक तरह से एससी वर्ग के लोगों का भी हक मारा जा रहा है.
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वहीं इस मामले में ग्राम पंचायत के एक पंच का आरोप है कि उन्हें प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जाने के लिए सरपंच द्वारा बुलाया गया था, लेकिन जब उन्हें पूरा मामला पता लगा तो उन्होंने हस्ताक्षर किए जाने से साफ मना कर दिया. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इस मामले में उनके साथ न्याय नहीं करता है तो मजबूर होकर उन्हें सीएम और न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाना पड़ सकता है.
वहीं इस मामले में गांव की महिला सरपंच के प्रतिनिधि प्रमोद कुमार ने बजरंग पूनिया को दी जाने वाली जमीन का विरोध करने वालों पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बजरंग पूनिया को जमीन दिए जाने का फैसला ग्रामीणों के साथ बैठकर किया गया था. 90 प्रतिशत गांव के लोग इस फैसले के हक में हैं, जो लोग इस मामले में विरोध कर रहे हैं वो वह लोग है जिनका गांव की शामलात भूमि पर कब्जा है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन कुश्ती एकेडमी का निर्माण शुरू होगा, उस दिन 90 प्रतिशत गांव के लोग इस निर्माण को शुरू करने के पक्ष में आकर खड़े होंगे.