किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं लेने पर 24 नवंबर को रेल रोकने की चेतावनी
भाकियू चढूनी ने हरियाणा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन खत्म करने के दौरान सीएम ने किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लेने की बात कही थी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया है.
विपिन शर्मा/कैथल: भारतीय किसान यूनियन चढूनी की जिलास्तरीय मीटिंग जिला कार्यकारी अध्यक्ष गुरनाम सिंह फरल व जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान भाकियू चढूनी के कार्यकारी अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस, युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना मौजूद रहे.
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेताओं ने कहा कि दिल्ली में 13 महीने 13 दिन चले किसान आंदोलन के दौरान हुए लिखित समझौते के अनुसार केंद्र सरकार ने किसानों पर सभी प्रकार के केस वापस लेने की बात कही थी, लेकिन लगभग एक साल बीत जाने पर भी अभी तक रेलवे के केस वापस नहीं लिए गए हैं.
भाकियू चढूनी द्वारा मांगी सूचना में रेलवे विभाग ने बताया कि हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान 12 केस दर्ज किए गए थे, लेकिन इन्हें वापस लेने का कोई आदेश रेल विभाग को नहीं मिला है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समझौता वार्ता में सभी केस वापस लेने की बात हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मानी थी और आंदोलन के सहायक लोगों को किसी भी प्रकार से पीड़ित न करने का वादा किया था, जबकि कई लोगों के असलाह लाइसेंस और पासपोर्ट आदि का काम सरकार ने जानबूझ कर रोका हुआ है. इसी प्रकार आंदोलनों के 30 मुकदमे पहले से पेंडिंग हैं, जोकि सरकार को पहले से लिखित में भेजे जा चुके हैं. इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
बैठक में तय हुआ कि सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ 24 नवंबर को मोहड़ा की अनाज मंडी में किसानों का बड़ा जनसमूह उमड़ेगा. जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड ने कहा कि 24 नवंबर किसानों के लिए अहम दिन है. इस दिन तीन काले कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन मोहड़ा अनाज मंडी से शुरू हुआ था.
इसी दिन किसानों के मसीहा सर छोटू राम की जयंती है मोहड़ा की अनाज मंडी में किसानों का बड़ा जनसमूह होगा और इस दिन की महत्व को बताया जाएगा. युवा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि 24 नवंबर को किसान आंदोलन की दूसरी सालगिरह पर अंबाला में रेल रोकेंगे. भाकियू(चढूनी) मांग करती है कि भाजपा सरकार अपने चुनावी वादे के अनुरूप किसानों को पूर्ण रूप से कर्ज मुक्त करें. कर्म सिंह मथाना ने भी कहा कि अगर आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए रेलवे के केस वापस नहीं लिए गए तो 24 नवंबर को ट्रेनों का आवागमन रोक देंगे.